नई दिल्ली – उच्च जाति के गरीबों के लिए आरक्षण की व्यवस्था के विरोध में प्रविष्ट की गई याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही है । इस समय न्यायमूर्तियों ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं को प्रश्न पूछा कि, ‘उच्च जाति के गरीबों को आरक्षण क्यों नहीं दिया जा सकता ?’ याचिकाकर्ताओं ने १०३ वां संविधान सुधार संविधान विरोधी बताया । आरक्षण की व्यवस्था आर्थिक स्थिति पर नहीं कर सकते, ऐसा युक्तिवाद उन्होंने किया । इस पर उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘देश की बडी जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है और गरीबी के कारण उन्हें अच्छी शिक्षा से वंचित रहना पड रहा है । इस कारण उन्हें गरीबी के आधार पर आरक्षण क्यों नहीं दिया जा सकता ?’ ऐसा प्रश्न उच्चतम न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं से पूछा ।
मुख्यन्यायाधीश उदय ललित, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट्ट, न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति जे.पी. परडीवाला की खंडपीठ ने इस समय पूछा कि, गरीबों को सामाजिक वर्ग क्यों नहीं माना जा सकता ।