यदि मुसलमान गरबा में भाग लेना चाहते हैं, तो मूर्ति पूजा स्वीकार करें !

मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक मंत्री उषा ठाकुर की शर्त !

मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक मंत्री उषा ठाकुर

भोपाल (मध्य प्रदेश) – जो मुसलमान अपने धर्म से ऊब चुके हैं, तथा जिन्हें मूर्ति पूजा स्वीकार है  तथा जो लोग नवरात्रि पर्व के उपलक्ष में गरबा और डांडिया खेलना चाहते हैं, उन्हें गरबा कार्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा । सांस्कृतिक मंत्री उषा ठाकुर ने उनके लिए ये शर्त रखी है कि, यदि वे पहचान पत्र के साथ मां, पत्नी और बेटी को साथ लाते हैं तो उन्हें प्रवेश दिया जाए । उन्होंने इस संबंध में मध्य प्रदेश के सभी जिलाधीशों  पत्र भी भेजा है । जहां हिन्दू संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है, वहीं कुछ लोगों ने इसे धार्मिक द्वेष फैलाने का षड्यंत्र बताया है ।

मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर आदि नगरों में बड़ी संख्या में गरबा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । कहा जाता है कि ठाकुर ने यह निर्णय इसलिए लिया ,  क्योंकि यह तथ्य उजागर हुआ है कि मुसलमान युवक अपनी पहचान छुपाकर इसमें प्रवेश करते हैं और हिन्दू लड़कियों को प्रेम के जाल में फंसाते हैं । कुछ दिन पूर्व  उन्होंने वक्तव्य दिया था कि ‘गरबा मंडप लव जिहाद के माध्यम बन गए है’।

यदि कुरान अनुमति देता है, तो उन्हें भाग लेना चाहिए ! – उमा भारती

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा था कि जो लोग ‘जय माताजी’ नहीं कहते हैं, उन्हें गरबा के स्थान पर प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। नवरात्रि में शक्ति की देवी की पूजा की जाती है । यदि मुसलमान मूर्तिपूजा को स्वीकार करते हैं तो इस आयोजन में उनका स्वागत है । यदि कुरान या कोई अन्य शास्त्र उन्हें अनुमति देते हैं, तो वे कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं, किन्तु मात्र मनोरंजन के लिए न आएं ।

संपादकीय भूमिका

ऐसी शर्त देश भर की सभी सरकारों को लगानी चाहिए, यह सभी धर्मनिष्ठ  हिन्दुऒ॑ का विचार है!