चलचित्र के तथ्य अयोग्य पद्धति से दर्शाने का आरोप लगाते हुए प्रसंग छांटने के लिए केरल चलचित्र मंडल द्वारा आदेश !- चलचित्र दिग्दर्शक रामसिम्हन

केरल के हिन्दुओं के मोपला हत्याकांड से संबंधित चलचित्र प्रकरण

चलचित्र निर्देशक रामसिम्हन

थिरुवनंतपुरम (केरल) -जून माह में केरल के चलचित्र परीक्षण मंडल ने राज्य के मोपला हत्याकांडों पर बनाए गए ‘पुझ्जा मुत्तुल पुझ्जा वारी’ (नदी से नदी तक) चलचित्र को प्रमाणपत्र देना अस्वीकार कर दिया गया था । इस चलचित्र के निर्देशक रामसिम्हन (पूर्व के अली अकबर) ने इस विषय में कहा है, ‘मंडल ने मेरे चलचित्र में अयोग्य पद्धति से तथ्य दर्शाए जाने का आरोप लगाते हुए कुछ प्रसंग छांटने का आदेश दिया है । ऐसा आदेश देने का अर्थ मोपला दंगे में हिन्दुओं का संहार करनेवाले मुसलमानों को निर्दाेष ठहराने का प्रयास है ।’ वर्ष १९१० में मुसलमानों द्वारा किए गए सहस्रों हिन्दुओं के नरसंहार को ‘मोपला हत्याकांड’ कहा जाता है ।

केंद्रीय चलचित्र निरीक्षण मंडल ने हिन्दू नाम की अपेक्षा पूर्व का मुसलमान नाम देने के लिए बाध्य किया !

रामसिम्हन ने आगे कहा, ‘केंद्रीय चलचित्र निरीक्षण मंडल ने मुझे मेरे पूर्व का अली अकबर नाम चलचित्र में समावेश करने पर बाध्य किया था । मंडल को यह दर्शाने की इच्छा नहीं है कि एक मुसलमान ने धर्म का त्याग कर हिन्दू धर्म स्वीकारा तथा वह अब मुसलमानों की हिंसा के विषय में चलचित्र बना रहा है ।’ अली अकबर ने इसी वर्ष जनवरी माह में इस्लाम को त्याग कर हिन्दू धर्म में प्रवेश किया है । तत्पश्चात उन्होंने अपना नाम रामसिम्हन रखा है । वर्ष १९४७ में रामसिम्हन, उनके भाई दयासिम्हन, उसकी पत्नी कमला, रसोईया राजू अय्यर तथा अन्य संबंधियों की इस्लाम त्याग कर हिन्दू धर्म स्वीकारने के कारण मुसलमानों ने हत्या कर दी थी । इसीलिए अली अकबर ने स्वयं का नाम रामसिम्हन रखा है ।

चलचित्र प्रदर्शित न होने हेतु पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया द्वारा दबाव

रामसिम्हन ने आगे कहा कि केरल चलचित्र मंडल द्वारा प्रमाणपत्र देना अस्वीकार करने के पश्चात वह चलचित्र केंद्रीय चलचित्र निरीक्षण मंडल के पास भेजे जाने पर मंडल द्वारा कुछ प्रसंग छांटने के लिए कहा गया है । मुझे आशंका है कि केरल चलचित्र मंडल द्वारा केंद्रीय मंडल पर दबाव डाला गया है । उसी प्रकार यह चलचित्र प्रदर्शित न होने हेतु पाप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया भी दबाव निर्माण कर रहा है ।

संपादकीय भूमिका 

केरल की साम्यवादी आघाडी (मोर्चा) सरकार के अधीन रहनेवाले चलचित्र मंडल इससे पृथक क्या करेंगे ? जो इतिहास है वह विश्व में उजागर हुआ ही है, वह अब चलचित्र के माध्यम से उजागर न होने हेतु दौडधूप करनेवाली केरल सरकार कितनी धर्मांधप्रेमी एवं हिन्दूविरोधी है, यह ध्यान में लें !