नई देहली – केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में हुए संसद के सत्र में प्रस्तुत जानकारी के अनुसार वर्ष २०२१-२२ के बैंकों के स्वयं निरीक्षण के समय २ सहस्त्र रुपये के १३ सहस्त्र ६०४ नकली नोट मिले । सरकार ने दावा किया है कि इस तुलना में वर्ष २०१८-१९ तथा २०२०-२१ के समय यह प्रमाण अल्प था ।
दूसरी ओर, ‘राष्ट्रीय अपराध पंजीकरण विभाग’ के विवरण के अनुसार २०१८ से २०२० की अवधि में देश में विभिन्न स्थानों पर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान पाए गए नकली नोटों की संख्या में वृद्धि हुई है । वर्ष २०१८ में ५४ सहस्त्र ७७६, वर्ष २०१९ में ९० हजार ५६६ और वर्ष २०२० में २ लाख ४४ हजार ८३४ नकली नोट नियंत्रण में लिए गए हैं ।
वर्ष २०१६ में नोटबंदी के उपरांत सरकार २ सहस्त्र रुपये के नए नोट चलन में लाई थी; किंतु बैंकों के निरीक्षण में पता चला है कि उसके नकली नोट भी तैयार हुए हैं । नकली नोटों को रोकने के लिए सरकार ने कानून बनाया है । अन्वेषण यंत्रणा की सहायता से छानबीन शुरू है ।
संपादकीय भूमिकानकली नोटों को रोकने के प्रयास करने के पश्चात भी वे भारत की मुद्रा में पाए जाते हैं, यह व्यवस्था के लिए लज्जाजनक है ! |