कर्नाटक के आगामी विधानसभा चुनाव की पार्श्वभूमि पर लिंगायत समाज को आकर्षित करने का गांधी का जीतोड प्रयास !
बैंगलुरू – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ३ अगस्त को कर्नाटक के चित्रदुर्ग आए थे । उन्होंने वहां के मुरूघा मठ में जाकर लिंगायत समुदाय के धर्मगुरु डॉ. श्री शिवमूर्ति मुरूघ शरणारू से भेंट की तथा उनसे लिंगायत समुदाय की ‘लिंग दीक्षा’ ली । इससे पूर्व गांधी ने स्वयं को ‘कश्मीरी हिन्दू’, ‘जनेऊधारी ब्राह्मण’ एवं ‘दत्तात्रेय गोत्रवाले ब्राह्मण’ बताने का प्रयत्न किया था । इसकारण सामाजिक माध्यमों द्वारा उन पर टिप्पणी हो रही है कि ‘हिन्दुओं के मत पाने के लिए गांधी की यह राजकीय चाल है ।’
Rahul Gandhi's Muragarajendra mutt visit an attempt to woo back Lingayat votes https://t.co/ZKRsOXzDud
— TOI Cities (@TOICitiesNews) August 3, 2022
इस अवसर पर गांधी ने कहा, ‘‘मैं कुछ समय पूर्व से लिंगायत समुदाय के संस्थापक बसवण्णाजी के संदर्भ में अभ्यास कर रहा हूं । इसलिए चित्रदुर्ग के मठ में आना अपना सौभाग्य समझता हूं । मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि मेरे पास किसी ऐसे व्यक्ति को भेजें, जो मुझे ‘इष्टलिंग’ एवं ‘शिवयोग’ के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दे सके । संभवत: मुझे इससे लाभ होगा ।
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की जनसंख्या १८℅ से अधिक !
राजकीय विश्लेषकों के मतानुसार, आगामी वर्ष में विधानसभा के चुनाव होनेवाले हैं और राज्य की कुल जनसंख्या में लिंगायत समुदाय १८℅ से अधिक है । इसीलिए गांधी इस समुदाय के मत पाने के लिए प्रयत्नशील हैं ।
संपादकीय भूमिकाचुनाव आने पर राहुल गांधी को निश्चितरूप से धार्मिकता का स्मरण होता है, यह इससे पूर्व भी अनेक बार सामने आया है ! इसलिए जनता को भी कांग्रेस का सत्य स्वरूप ज्ञात होने से कांग्रेस धार्मिकता का कितना भी प्रदर्शन करे, तब भी जनता कांग्रेस को नहीं चुनेगी, यह भी उतना ही सत्य है ! |