कोटा (राजस्थान) की एक निजी अंग्रेजी माध्यम की पाठशाला में गैर-मुस्लिम बच्चों को ‘अम्मी’ और ‘अब्बू’ बोलना सिखाया जाता है !

भाग्यनगर के प्रकाशक ने प्रकाशित किया ‘गुलमोहर’ पुस्तक

कोटा (राजस्थान) – यहां की एक निजी अंग्रेजी माध्यम की पाठशाला में सिखाए जाने वाले पुस्तक पर बजरंग दल ने आक्षेप लिया है । ‘कॉन्व्हेंट पाठशाला का इस्लामीकरण किया जा रहा है’, ऐसा आरोप बजरंग दल की ओर से किया गया है । ऐसे पुस्तकों पर बंदी डालने की मांग भी की गई है । इस पाठशाला की दूसरी कक्षा के गैर-मुस्लिम विद्यार्थियों को मदर अर्थात ‘अम्मी’ और फादर अर्थात ‘अब्बू’ ऐसा कहने को सिखाया जा रहा है । इस पुस्तक का नाम ‘गुलमोहर’ है । भाग्यनगर के प्रकाशक ने उसे प्रकाशित किया है और ११३ पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य ३५२ रुपये है । इस विषय में अभिभावकों की ओर से कोई शिकायत नहीं की गई है, पर बजरंग दल ने शिक्षा विभाग के उप सचिव से शिकायत की है ।

१. पुस्तक के दूसरे पाठ को ‘ग्रांडपा फारूक’स गार्डन’ (दादा फारूक का बगीचा) यह शीर्षक है । ६ वें पाठ में ‘अभिभावक रसोईघर में बिर्यानी बना रहे हैं’, एैसा कहा है । इस से बच्चों को मांसाहारी भोजन खाने के विषय में बताया जा रहा है ।

२. इस विषय में प्रमुख जिला शिक्षाधिकारी हजारी लाल शिवहरे ने बताया कि, इस विषय में किसी भी अभिभावक की ओर से हमें शिकायत नहीं मिली है । शिकायत मिलने के पश्चात जांच समिति का गठन किया जाएगा और फिर उसकी रिपोर्ट सीबीएसई बोर्ड को भेजी जाएगी । (सरकारी अधिकारियों की मानसिकता !) शिकायत आने तक हम स्वयं कुछ भी नहीं करेंगे, यही इस से ध्यान में आता है ! स्वयं इसकी पूछताछ करने का कष्ट अधिकारी नहीं लेते, इस से उनकी अपने काम के विषय में कितनी रुचि है, यह ध्यान में आता है ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

अब यही बाकी बचा था ! हिन्दुओं को उनके धर्म के अनुसार शिक्षा मिलने के लिए हिन्दू राष्ट्र का कोई विकल्प नहीं है !