प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रस्तुत विवरण !
नई देहली – गुप्तचर विभाग ने विदेशी निधि से लाभान्वित स्वयंसेवी संस्थाओं के संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय का एक विवरण प्रस्तुत किया है । इसमें कहा गया है कि अनेक संस्थाओं द्वारा देश के आर्थिक विकास में अडचनें निर्मित की जा रही हैं । अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, जर्मनी, नेदरलैंड्स, नार्वे, स्वीडन, आदि डेन्मार्क देशों से निधि भेजी जाती है । इस कारण ‘सकल देशांतर्गत उत्पाद’ प्रतिवर्ष २-३ प्रतिशत घट रहा है ।
Foreign-aided #NGOs are actively stalling development, IB tells PMO in a reporthttp://t.co/UnGrczTpus
— Dibang (@dibang) June 7, 2014
इस विवरण में आगे कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर भारत को बदनाम करने के लिए अब तक जातिभेद, मानवाधिकारों का हनन आदि कारण बताए जाते थे । परंतु सामाजिक कार्य के लिए अब विदेशी संस्थाएं निधि भेजती हैं, इस नाम पर देश के विकास कामों में अडचनें निर्मित करने के लिए भारत में पैसा भेज रही हैं । स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से भारत के विरुद्ध नकारात्मक वातावरण निर्मित कर उसकी प्रतिमा मलिन करने के लिए इस निधि का व्यय किया जाता है ।
मेधा पाटकर के विरुद्ध करोडों रुपए के अनुचित व्यवहार के प्रकरण में अपराध प्रविष्ट !
पाठशाला के नाम पर प्राप्त निधि सरकार के विरुद्ध आंदोलनों के लिए व्यय करने का आरोप !
भोपाल – ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की प्रधान एवं कथित सामाजिक कार्यकर्त्री मेधा पाटकर पर करोडों रुपए के अनुचित उपयोग करने का आरोप लगाया गया है । पाटकर और उनके ११ सहयोगी के विरुद्ध पुलिस ने अपराध प्रविष्ट किया है । पाटकर की ‘नर्मदा नवनिर्माण अभियान’ नामक स्वयंसेवी संस्था ने ८४ सामाजिक कार्य, तथा आदिवासी बालकों की शिक्षा के लिए प्राप्त निधि का दुरुपयोग किया । इस निधि का उपयोग शासन के विविध विकास योजनाओं के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए किया गया ।
मध्य प्रदेश में नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख मेधा पाटकर पर रुपयों के गबन का आरोप लगा है. #MadhyaPradesh #NarmadaBachaoAndolan#MedhaPatkarhttps://t.co/aShe3ipNSd
— ABP News (@ABPNews) July 11, 2022
अपराध प्रविष्ट करनेवाले प्रीतम बडोले के अनुसार ‘विगत कुछ वर्षो में पाटकर की संस्था को १३ से १४ करोड रुपए मिले; परंतु उसका कुछ भी लेखा विवरण नहीं दिया गया । बडोले ने प्रसारमाध्यमों को बताया कि पाटकर की संस्था द्वारा महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में ‘जीवनशाला’ नामक पाठशाला संचालित करने के संदर्भ में कहा जाता है; परंतु इस प्रकार की किसी पाठशाला का अस्तित्व नहीं है ।
#BREAKING | Activist Medha Patkar booked for cheating in Madhya Pradesh along with 12 others
Tune in here for more details – https://t.co/hBNv8QrX25 pic.twitter.com/TfJ0Ggm09D— Republic (@republic) July 10, 2022
मेधा पाटकर द्वारा स्पष्टीकरण
पाटकर ने इन सब आरोपों को अस्वीकार करते हुए कहा कि हमारे पास सभी लेखा विवरण अद्यावत है । जीवनशाला गत ३० वर्षों से संचालित है । हम न्यायालयीन लडाई लडने के लिए तैयार हैं ।
संपादकीय भूमिकाऐसी सर्व अशासकीय संस्था राष्ट्रद्रोही ही हैं ! ऐसी संस्थाओं की अनुज्ञप्तियां (लाईसेंस) अमान्य कर उन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, तथा संबंधित न्यासी, अधिकारी एवं कर्मचारियों के विरुद्ध कडी से कडी कार्रवाई होनी चाहिए ! |