(‘सर्व्हर’ एक संगणकीय उपकरण या सिस्टम है जो अन्य संगणकों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है ।)
मुंबई – राष्ट्रीय शेअर बाजार के ‘सर्व्हर’ की छेडछाड के संबंध में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भारत में १८ जगहों पर छापेमारी की । इसी संबंध में मुंबई के भूतपूर्व पुलिस आयुक्त संजय पाण्डे की आजकल पूछताछ चालू है । साथ ही राष्ट्रीय शेअर बाजार की भूतपूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और रवि नारायण के विरुद्ध भी राष्ट्रीय शेअर बाजार के अधिकारियों के भ्रमणभाष ‘टॅप’ (छुपकर भ्रमणभाष का संभाषण ध्वनिमुद्रित करना या सुनना) करने और अन्य अनियमितताएं मिलने के संबंध में नई शिकायत दर्ज की गई है ।
CBI is conducting searches at locations across India in related to the National Stock Exchange (NSE) scam case. | #NSEScamCasehttps://t.co/WHYgU18ip8
— Business Today (@business_today) July 8, 2022
क्या है यह विषय ?
१. संजय पाण्डे सरकारी सेवा में नहीं थे, तब याने वर्ष २००१ में उन्होंने एक सॉफ्टवेयर से संबंधित कंपनी ‘आयसेक सर्व्हिसेस प्रा. लि.’ की स्थापना की । सरकारी सेवा में शामिल होने के बाद, पाण्डे ने वर्ष २००६ में प्रतिष्ठान से त्यागपत्र दिया ।
२. राष्ट्रीय शेअर बाजार ने आस्थापन ‘आयसेक सर्व्हिसेस प्रा. लि.’ को वर्ष २०१० से २०१५ की कालावधी में राष्ट्रीय शेअर बाजार पर ‘सॉफ्टवेअर’ से संबंधित आय-व्यय या हिसाब-किताब की जाँच-पड़ताल (लेखापरीक्षण) का दायित्त्व सौंपा । तब ‘‘सर्व्हर’ में छेडछाड होकर भी उसकी जानकारी लेखापरीक्षा प्रतिष्ठान को कैसे नहीं मिली ?’ कि ‘उसकी ओर जानबूझकर अनदेखी की गई ?’ ऐसे प्रश्न उपस्थित किए गए हैं । इस विषय में संजय पाण्डे की वर्तमान में पूछताछ चालू है ।