शिया पंथ के मुसलमानों ने चित्रपट के गानें से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया !
गाने से आपत्तिजनक शब्दों को हटाया !
मुंबई : हिंदी चलचित्र खुदा हफीज : चैप्टर २-अग्निपरीक्षा’ के ‘हक हुसैन’ गाने से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है, निर्माताओं पर शिया मुसलमानों द्वारा आरोप लगाए जाने के उपरांत निर्माताओं ने क्षमा याचना की है । चलचित्र का निर्माण कुमार मंगत पाठक, अभिषेक पाठक, स्नेहा बिमल पारेख और राम मीरचंदानी ने किया है । चित्रपट का निर्देशन फारूक कबीर ने किया है ।
#KhudaHaafizChapter2AgniPariksha
In cinemas on 08 July 2022 pic.twitter.com/KPdSaMiypj— Panorama Studios (@PanoramaMovies) July 4, 2022
अपने एक वक्तव्य में निर्माताओं ने कहा कि “शिया समुदाय के कुछ लोगों ने कहा है कि चित्रपट ‘खुदा हफीज: अध्याय२-अग्निपरीक्षा’ के गाने ने उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है ।” इसके लिए हम मन:पूर्वक क्षमा याचना करते हैं । उन्हें अनजाने में आघात पहुंचा है । हमने अब गाने को बदलने का निर्णय लिया है । केंद्रीय चलचित्र निरीक्षण मंडल के परामर्श से, हमने गाने से आपत्तिजनक सामग्री को हटा दिया है । हमने ‘हक हुसैन’ गाने के बोल को बदल कर ‘जुनून है’ कर दिया है । हम कहना चाहेंगे कि चलचित्र शिया समुदाय को अनुचित ढंग से प्रस्तुत नहीं करता है और न ही यह दिखाता है कि शिया समुदाय के किसी व्यक्ति पर आक्रमण किया जा रहा है । इमाम हुसैन की महिमामंडन के लिए ‘हक हुसैन’ गीत एक बहुत ही पवित्र उद्देश्य के साथ बनाया गया था । हमारा उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। तथापि हमने शिया मुसलमानों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गाने में आवश्यक बदलाव किए हैं ।”
संपादकीय भूमिकामुस्लिम जब विरोध करते हैं तो चलचित्रनिर्माता तुरंत क्षमा याचना करते हैं और चलचित्र से आपत्तिजनक अंश को निकाल देते हैं । इसके विपरीत हिंदू चाहे कितना भी विरोध करें तब भी उनके देवताओं का अपमान बंद नहीं होता, यह ‘पीके’ जैसे चलचित्र से अनेक बार देखने में आया है । हिंदुओं की सहिष्णु एवं कानून का पालन करने की वृत्ति का यह परिणाम है ? यदि कोई ऐसा कहे तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए ? |