न्यायाधीशों पर व्यक्तिगत आक्रमण करना उचित नहीं ! – न्यायमूर्ति जे.बी. पारडीवाला

उदयपुर की घटना के लिए नूपुर शर्मा को उत्तरदायी ठहराने का प्रकरण

नई देहली – किसी भी निर्णय पर न्यायालय पर होने वाली टिप्पणी मान्य की जाएगी; किंतु न्यायाधीशों पर व्यक्तिगत आक्रमण करना उचित नहीं है । ऐसा कदापि नहीं होना चाहिए, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति जे.बी. पारडीवाला ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की । नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते समय न्यायमूर्ति पारडीवाला और न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने उदयपुर की घटना (कन्हैयालाल की हत्या को) के लिए नूपुर शर्मा को ही उत्तरदायी ठहराया था । इस प्रकरण से सामाजिक माध्यमों द्वारा इन दोनों पर टिप्पणी होने लगी । इस पर न्यायमूर्ति पारडीवाला ने उपरोक्त प्रतिक्रिया व्यक्त की । साथ ही उन्होंने सरकार से सामाजिक माध्यमों पर नियंत्रण रखने के लिए कानून बनाने की मांग की है । न्यायमूर्ति पारडीवाला एच.आर.खन्ना स्मृति कार्यक्रम में बोल रहे थे ।

न्यायमूर्ति पारडीवाला ने कहा कि

१. न्यायाधीशों पर होने वाले व्यक्तिगत आक्रमणों के कारण न्यायसंस्था की हानि हो रही है और उसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है ।

२. संवैधानिक न्यायालयों ने सदैव जानकारीपूर्ण असहमति और रचनात्मक टिप्पणियां स्वीकार की हैं; परंतु न्यायाधीशों पर व्यक्गित आक्रमण रोके हैं ।

३. कभी-कभी भारत में सामाजिक माध्यमों का प्रयोग पूर्णरूप से अवैध और संवैधानिक सूत्रों का राजनीतिकरण करने के लिए किया जाता है ।

४. अर्धसत्य तथा अधूरी जानकारी रखने वाले, कानून, साक्ष्य और न्यायिक प्रक्रिया को न समझने वाले लोग अधिक हो गए हैं ।