उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या का प्रकरण
अधिवक्ताओं ने हत्यारों का मुकदमा लडने से मना किया
उदयपुर (राजस्थान) – राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिहादियों द्वारा सिर काटे गए कन्हैयालाल के परिवार से ३० जून को उनके घर जाकर भेंट की । कन्हैयालाल को श्रंद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस घटना की जांच आरंभ कर दी है । एक माह के अंदर आतंकवादियों को फांसी दी जानी चाहिए, ऐसी राज्य सरकार की इच्छा है । इसके लिए हम केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे ।’ इस समय मुख्य सचिव उषा वर्मा ने कन्हैयालाल की पत्नी यशोदा को ५० लाख रुपए का धनादेश (चेक) दिया ।
उदयपुर की घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया जिस तरीके से हत्या की गयी वो जघन्य अपराध है।हमने तत्काल, त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को पकड़ लिया, SOG ATS को केस दे दिया और रातभर में ही पता लगा लिया अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से संबंधित है ये घटना,मायने हैं आतंकवाद से संबंधित घटना है pic.twitter.com/kZ9muNmvI4
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 30, 2022
दो और लोगों को पकडा गया
कन्हैयालाल की हत्या करने वाले रियाज अन्सारी और मोहम्मद गौस को पकडने के उपरांत अब मोहसिन और आसिफ को भी पकडा गया है । साथ ही ३ और लोगों की जांच की जा रही है । अन्सारी और गौस का मुकदमा लडने के लिए कोई अधिवक्ता तैयार नहीं है ।
पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक का स्थानांतरण !
राजस्थान के अनेक जिलों ने बंद का आवाहन किया है । लोगों में उदयपुर हत्याकांड को लेकर अत्यधिक रोष है । बंद को लोगों का समर्थन भी मिल रहा है । घटना के लिए उदयपुर के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार और पुलिस महानिरीक्षक हिंगलाजदान को उत्तरदायी ठहराते हुए राजस्थान सरकार ने उनका स्थानांतरण कर दिया है । (केवल स्थानांतरण करने से क्या होगा ? ऐसे अकार्यक्षम अधिकारियों को घर पर ही बैठा देना चाहिए ! – संपादक)