नई देहली – कन्हैय्यालाल की हत्या के पीछे पाकिस्तान की ‘दावत-ए-इस्लामी’ यह सुन्नी मुसलमानों का जिहादी संगठन होने की बात सामने आई है । पकडे गए रियाज अन्सारी और महंमद गौस इस संगठन से सम्बन्धित हैं । यह संगठन संसार के १०० से अधिक देशों में कार्यरत है । इस्लाम के प्रचार और प्रसार के लिए यह संगठन ऑनलाईन अभ्यासवर्ग भी चलाती है । इस संगठन पर भारत में धर्मान्तर करने का आरोप है ।
Investigation into the Udaipur murder has revealed links of the two murderers with Karachi-based Sunni Islamist organization Dawat-e-Islami, which has links with Barelvi pan-Islamic Tehreek-e-Labbaik extremist organization
(Shishir Gupta reports)https://t.co/kiFFzhvHw7
— Hindustan Times (@htTweets) June 29, 2022
१. दावत-ए-इस्लामी संगठन स्वयं को ‘गैर राजनीतिक संगठन’ बताता है । उसकी स्थापना मौलाना (इस्लाम के अभ्यासक) अबू बिलाल महंमद इलियास ने वर्ष १९८१ में पाक के कराची शहर में की थी । पिछले ४० वर्षाें से यह संगठन भारत में भी कार्यरत है । शरियत कानून का प्रचार-प्रसार और शिक्षा देना इस संगठन का का मुख्य उद्देश्य है ।
२. इस संगठन का स्वयम् का संकेतस्थल है । इसके द्वारा इस्लामी शिक्षा दी जाती है । इस संकेतस्थल पर इस्लाम के प्रसार के ३२ पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं । महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग अलग प्रकार के पाठ्यक्रम हैं ।
धर्मान्तरित मुसलमानों को जिहादी बनाने के लिए ऑनलाईन प्रशिक्षण
दावत-ए-इस्लामी संगठन के संकेतस्थल पर ‘न्यू मुस्लिम कोर्स’ यह पाठ्यक्रम भी है । यह पाठ्यक्रम ऑनलाईन सिखाया जाता है । इस का मुख्य उद्देश्य ‘धर्मांतरण कर नए मुसलमानों को इस्लाम की शिक्षा देना’। इसके द्वारा धर्मांतरित को जिहादी बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है ।
जिहादी महंमद गौस पाक में ४५ दिन रहकर आने की बात उजागर !
कन्हैय्यालाल की हत्या करने वाले रियाज अन्सारी और महंमद गौस ये दोनों इस संगठन से जुडे हुए थे । उन्होने ऑनलाईन पाठ्य क्रम पूरा किया था; साथ ही महंमद गौस ४५ दिन पाकिस्तान में रहकर आया था । ये दोनों ही आतंकवादियों के लिए ‘स्लिपर सेल’ (आतंकवादियों को स्थानीय स्तर पर मदद करनेवाले) का काम करते थे ।
कन्हैय्यालाल की हत्या का ‘एन्. आय.ए.’ की ओर से अन्वेषण !
कन्हैय्यालाल की हत्या की पूछताछ करने के लिए राजस्थान सरकार ने विशेष अन्वेषण पथक की स्थापना करने के साथ ही उन्होंने उसकी पूछताछ राष्ट्रीय अन्वेषण यंत्रणा को भी (‘एन्. आय. ए.’ को भी) सौंपी है । एन्. आय. ए. के पथक ने घटनास्थल पर जाकर पूछताछ भी शुरू की है । इस हत्या के पीछे अंतर्राष्ट्रीय षडयन्त्र रहने का वृत्त सामने आने के कारण यह पूछताछ एन्. आय. ए. को सौंपी गई है ।
संपादकीय भूमिकाभारत में इस संगठन पर तुरन्त बंदी डालो और उसके कार्यकर्ताओं को कारागृह में बंदी बनाओ ! |