पैगंबर का अपमान करने का कारण बताकर, नाइजीरिया में मुस्लिम छात्र ने की ईसाई छात्र की हत्या

सोकोटो (नाइजीरिया) – यहां एक ईसाई छात्र की मुसलमान छात्रों की भीड ने हत्या कर दी एवं उसके शव को जला डाला । पैगंबर के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बहाने, उसे कट्टरपंथियों ने पीट-पीट कर मार डाला । इस घटना ने पूरे देश तथा विश्व को झकझोर कर रख दिया है । घटना कानो राज्य के सोकोटो नगर में हुई ।

१. यहां की एक छात्रा डेबोरा सैमुअल ने महाविद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप में एक पोस्ट किया । डेबोरा सैमुअल ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग पोस्ट की, जिसमें कुछ मुसलमान छात्रों द्वारा महाविद्यालय के पाठ्यक्रम से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हुए धार्मिक पोस्ट करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप का प्रयोग करने पर आपत्ति जताई गई थी ।

२. मुसलमान छात्रों ने इस बहाने आंदोलन किया कि रिकॉर्डिंग में पैगंबर मुहम्मद के विषय में टिप्पणियां हैं । ऐसा होने पर महाविद्यालय के प्रशासन ने डेबोरा सैमुअल को सुरक्षित स्थान पर रखने का प्रयत्न किया, किन्तु धर्मांध कट्टरपंथी उसे खींचकर बाहर ले आए ।

३. एक स्थानीय पत्रकार द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में मुसलमान छात्र डेबोरा सैमुअल को लाठी-डंडे से पीटते व पत्थरों से मारते दिखाई देते हैं । इस समय छात्र ‘अल्लाह हू अकबर’ (अल्लाह महान है), ऐसे नारे लगा रहे थे । कुछ मुसलमान छात्रों ने डेबोरा पर टायर डालकर उसे आग लगा दी ।

४. एक सरकारी अधिकारी अनस मोहम्मद सानी ने चेतावनी दी कि “यदि ईसाई, पैगंबर का अपमान करते हैं, तो उन पर और आक्रमण किए जाएंगे ।”

५. नाइजीरिया में ईसाईयों तथा मुसलमानों की संख्या लगभग समान है । यह घटना उत्तरी नाइजीरिया में हुई, जहां अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी आयुक्त की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शरिया कानून १९९९९ से १२ राज्यों में लागू है ।

संपादकीय भूमिका

विश्व में हर जगह यह कहकर कि पैगंबर मुहम्मद या कुरान का अपमान किया गया था, मुसलमानों की भीड कानून को अपने हाथ में ले लेती है तथा अपमान करनेवालों के जीवन को समाप्त कर देती है । कानून की अवहेलना एवं क्रूर ढंग से हत्या करने की यह मानसिकता समाज के स्वास्थ्य के लिए संकटमय है !