‘युद्ध के कारण आपातकाल में परिस्थिति कितनी भीषण हो सकती है’, इसके कुछ उदाहरण !

बढती महंगाई

१. युद्ध संकट के कारण घरों का गिरना, परिवारों का बिखरना और खानेपीने की समस्या निर्माण होना

२. ईंधन (पेट्रोल, डिजल आदि) की समस्या उत्पन्न होने के कारण यातायात ठप्प होना

३. उद्योग-धंधे बंद होने के कारण प्रचंड आर्थिक मंदी आना

४. साथ ही रोग फैलना तथा डॉक्टर, वैद्य, औषधि, रुग्णालय आदि सहजता से उपलब्ध न होना

५. दूरभाष, चल-दूरभाष, इंटरनेट, तथा विद्युत पर चलनेवाले सभी यंत्र और व्यवस्था खंडित होना

६. हवाईमार्ग, रेल्वेमार्ग, महामार्ग आदि वाहन-व्यवस्था चरमरा जाने के कारण शासन द्वारा भी सहायता करने में अडचनें आना और जीवनावश्यक वस्तुओं के लिए जानलेवा संघर्ष करना पडना

७. आपातकाल की इस भीषणता के कारण अनेक लोगों का मानसिक रोगी होना और कुछ लोगों को लगना कि `इस प्रकार जीने से अच्छा तो मर जाना है’ ।

(भीषण आपातकाल का सामना करने के लिए सभी शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, आर्थिक, आध्यात्मिक इत्यादि स्तरों पर पूर्वनियोजन कैसे करें ? इस विषय पर सविस्तार विवेचन सनातन की `आपातकाल में जीवनरक्षा ग्रंथमाला (२ खंड)’ में किया है ।)