‘वायु प्रदुषण’ यह वैश्विक मृत्यु का मुख्य कारण होने के साथ इससे प्रतिवर्ष ७० लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवाते हैं !
विज्ञान यह मनुष्य का सहायक होने के स्थान पर विनाशकारी ही सिद्ध होता है, ऐसा ही आंकडों से सिद्ध होता है ! सनातन धर्म की सहायता (अधिष्ठान) लेकर भौतिक प्रगति साध्य करना, यही इस भयानक वैश्विक समस्या पर एकमात्र उपाय होने का जानिए ! – संपादक
वैश्विक वायु प्रदूषण के खतनाक आंकडे !
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जेनेवा (स्विटरजरलैंड) – विश्वभर में वायु प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में बढने से लंग कैंसर, ह्रदय की बीमारी और लकवा जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढा है । इस कारण प्रत्येक मिनट कम से कम १३ लोग मारे जा रहे हैं । विश्व स्वास्थ्य संघठन ने (‘डब्लू.एच.ओ.’ने) ट्वीट कर यह खतरनाक जानकारी दी।
तेल, कोयला और प्राकृतिक गैस जैसे ईंधन जलाने के कारण वायु प्रदूषण होता है और इसे तत्परता से रोकने की आवश्यकता होने का इशारा संघठन ने दिया ।
वायु प्रदूषण कम करना ही होगा ! – डब्लू.एच.ओ.
‘कोरोना के काल में ‘हमें हमारे लंग्स कितने कमजोर हैं’ इसका अनुभव हुआ । कोरोना यह सांस और लंग्स से संबंधित बीमारी थी । जिसके लंग्स कमजोर थे, उन्हें कोरोना होने पर इससे जूझना पडा था । इस कारण आने वाले रोगों से बचने के लिए वायु प्रदूषण को कम करना ही होगा’, ऐसा भी विश्व स्वास्थ्य संघठन ने कहा ।