जम्मू-कश्मीर स्थित रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी घुसपैठियों के संदर्भ में ठोस नीति निश्चित करें !

जम्मू-राज्य के गृहसचिव को कश्मीर उच्च न्यायालय का आदेश !

न्यायालय को यह क्यों बताना पडता है? घुसपैठियों की समस्या अनेक वर्ष पुरानी होते हुए भी राज्य प्रशासन द्वारा ठोस नीति अपनाकर अबतक उन्हें देश निकाला क्यों नहीं दिया गया ? – संपादक

जम्मू – जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने राज्य के गृहसचिव को एक जनहित याचिका की सुनवाई के समय आदेश दिया कि आनेवाले ६ सप्ताह में जम्मू-कश्मीर राज्य में रहनेवाले रोहिंग्या तथा बांग्लादेशी घुसपैठियों को ढूंढकर उनकी सूची बनाए और साथ ही इस संदर्भ में ठोस नीति भी निश्चित करे । अधिवक्ता हुनर गुप्ता द्वारा यह याचिका प्रविष्ट की गई है । इस याचिका में अवकाशप्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में पूछताछ कर राज्य में घुसे रोहिंग्या तथा बांगलादेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग की गई है । अधिवक्ता गुप्ता ने कहा है कि सरकार ने उनके लिए कोई ‘शरणार्थी केंद्र’ नहीं बनाया है और न ही संयुक्त राष्ट्रों ने इस विषय में सरकार को कोई आदेश दिया है । ये घुसपैठिये नागरिकों के लिए बनी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं । सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में १३ सहस्र ४०० रोहिंग्या तथा बांगलादेशी घुसपैठिये हैं । यह संख्या अधिक होने की संभावना है ।