कर्नाटक सरकार ब्राह्मण समाज की भावना को ठेस पहुंचने वाली पाठ्यपुस्तक का लेख हटाएगी !

कर्नाटक की भाजपा सरकार का अभिनंदनीय निर्णय ! ऐसे ब्राह्मण द्वेषी लेख हटाने के साथ, लिखने वाले ब्राह्मणद्वेषी पर कठोर कार्यवाही होना आवश्यक ! – संपादक

बेंगलुरु (कर्नाटक) – पाठ्यपुस्तक में ब्राह्मण समाज की भावना को ठेस पहुंचाने वाला लेख हटाकर, वहां सनातन धर्म का ज्ञान जोडा गया है, ऐसी सूचना कर्नाटक शासन द्वारा स्थापित शालेय पाठ्यपुस्तक पुनरावलोकन समिति ने दी है ।

१. कक्षा ८ वी के सामाजिक शास्त्र पाठ्यपुस्तक के छटे अध्याय के प्रास्ताविक भाग में कहा है, ‘वैदिक काल में, हवन में ब्राह्मण द्वारा घी और दूध का प्रयोग करने से अन्न की कमी निर्माण हुई थी । (ब्राह्मण द्वेष से कितने निम्न स्तर पर जाकर अतार्किक लेख पाठ्यपुस्तक में घुसाया गया था, यह स्पष्ट हो रहा है ! – संपादक) जो संस्कृत भाषा धार्मिक कार्य के मन्त्रोच्चार में प्रयोग होती थी, वह उस समय के सामान्य लोगों को समझ नहीं आती थी । बौद्ध एवं जैन धर्म सुलभ मार्ग से सिखाए गए, इस कारण उस धर्म का विस्तार हुआ । इस लेख से ब्राह्मणों की भावना को ठेंच पहुंच सकती हैं, इसलिए वह लेख हटाने का निर्णय लिया गया ।’

२. फरवरी २०२१ में, कर्नाटक राज्य ब्राह्मण विकास मण्डल के सदस्यों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री से भेंट कर सामाजिक शास्त्र पाठ्यपुस्तक के एक इकाई के कुछ अंशों पर आक्षेप लिया था । उसके उपरांत, येदियुरप्पा सरकार ने १७ फरवरी २०२१ को एक राजपत्र निकालकर, यह पाठ सिखाया न जाए अथवा मुल्यमापन के लिए प्रयोग न हो, ऐसे निर्देश दिए थे ।