बच्चे पर बिनामूल्य उपचार करने के लिए पिता को ईसाई धर्म स्वीकारने को कहा !

वेल्लोर (तमिलनाडु में ईसाई मिशनरी अस्पताल की ‘समाजसेवा !’

  • ईसाई मिशनरी समाजसेवा के नाम पर हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन करते हैं, यही इस घटना से पुन: एक बार स्पष्ट होता है ! ऐसों के विरोध में गुनाह प्रविष्ट कर संबंधित लोगों को कारागृह में डालना चाहिए ! ऐसी घटनाओं के विषय में धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी कभी भी मुंह नहीं खोलते , यह ध्यान में लें ! – संपादक 
  • तमिलनाडु की ईसाई स्टॅलीन सरकार संबंधित अस्पताल पर कोई भी कार्यवाही नहीं करेगी, यह जान लीजिए ! इसके लिए अब हिन्दुओं को संगठित होकर सरकार को कार्यवाही करने के लिए विवश करना चाहिए ! – संपादक

बंगलुरू (कनार्टक) – कर्नाटक में बसवना बागेवाडी के इराण्णा नागूर ने उनके लडके के उपचार के लिए तमिलनाडु के वेल्लोर में ईसाई मिशनरी अस्पताल में जानकारी पूछने पर वहां उनको लडके का बिनामूल्य उपचार करने के लिए कुछ शर्तें रखी । इसमें इराण्णा को ईसाई धर्म स्वीकारने के लिए और चर्च में कम से कम २ माह तक प्रार्थना करने के लिए बताए जाने का वृत्त ‘न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ में छापा है । इराण्णा ने लडके के उपचार के लिए पहले ही ३ लाख रुपए खर्च किए थे । उनके पास खर्च करने के लिए और पैसे नहीं थे । उन्हें प्रतिमाह १२ सहस्र रुपए मिलते हैं ; उन्हे लगभग अपनी आधी आय लडके के वैद्यकीय उपचारों पर खर्च करना पडता था । उनकी इसी परिस्थिति का अपलाभ मिशनरी अस्पताल की ओर से उठाया गया ।

इराण्णा के बताएनुसार, ‘मैंने येशु को स्वीकारने का तय किया; कारण अस्पताल के अधिकारियों ने मेरे लडके का पूरा उपचार का खर्च उठाने का आश्वासन दिया था । उसी समय कर्नाटक के विजापूर जिले के ‘बी.एल.डी.ई. एसोसिएशन’ ने लडके के उपचार के लिए सहायता की ।’ उनकी इसी सहायता के कारण इराण्णा और उनका परिवार ईसाई धर्म स्वीकार करने से बचा ।