कोयंबटूर (तमिलनाडु) में पेरियार की मूर्ति के गले में चप्पलों का हार पहनाया एवं मस्तक पर अज्ञात लोगों ने केसरिया रंग डाला

कोयंबटूर (तमिलनाडु) –  ९ जनवरी को, यहां एन्.व्ही. रामासामी पेरियार की मूर्ति को चप्पलों का हार पहनाया गया और उनके सिर पर केसरिया रंग लगाया गया । यह मूर्ति यहां पेरियार स्टडी सेंटर के सामने है । इस घटना की सूचना पुलिस को मिली, तो उन्होंने प्रतिमा से हार को हटाकर उसकी सफाई की । इस घटना के विरोध में द्रविड कळघम (द्रविड संघ) द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया । पुलिस सी.सी.टी.वी. फुटेज के आधार पर आरोपियों की खोज कर रही है ।

कौन थे एन.वी. रामासामी पेरियार?

एन.वी. रामासामी पेरियार हिन्दू विरोधी थे । १८७४ से १९७३ तक, अपने ९९ वर्ष के जीवनकाल में, उन्होंने ब्राह्मणों के विरुद्ध द्वेष फैलाने का काम किया । उन्होंने दक्षिण भारत को शेष भारत से अलग करने का षडयंत्र किया । वे अंग्रेजों के समर्थक थे । तमिलनाडु में उन्हें द्रविड आंदोलन का जनक माना जाता है । उनके समर्थकों ने १५ अगस्त १९४७ को, काले झंडे लहराकर, स्वतंत्रता दिवस को शोक दिवस बताया । उनके समर्थक उस दिन चेन्नई में काले रंग के वस्त्र परिधान कर घूम रहे थे । उनका कहना था कि, ‘यह वास्तविक स्वतंत्रता नहीं है !’ पेरियार ने “द्रविड कळघम संगठन” की स्थापना की ।

तमिलनाडु के जाने-माने फिल्म अभिनेता रजनीकांत ने कुछ समय पूर्व  पेरियार की आलोचना करते हुए कहा था कि, “पेरियार हिन्दू देवताओं की आलोचना करते थे ।” उन्होंने १९७१ में, ९७ वर्ष की आयु में तमिलनाडु के सेलम में अंधविश्वास विरोधी सम्मेलन के समय भगवान श्रीराम और माता सीता के आपत्तिजनक चित्र प्रदर्शित किए थे । यद्यपि, रजनीकांत पर उनके पेरियार विरोधी वक्तव्य के कारण अभियोग प्रविष्ट किया गया था । तथापि, उन्होंने क्षमायाचना नहीं की ।