(कहते हैं) ‘हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं के भडकाऊ विधानों का विरोध करना चाहिए !’

  • हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा धर्म संसद में किए भाषणों का मामला

  • देश के १०० से अधिक मान्यवरों का राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र !

  • इन मान्यवरों ने कभी ’१५ मिनटों के लिए पुलिस हटाने पर १०० करोड हिन्दुओं को देख लेंगे’ ऐसी धमकी देने के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था क्या ? – संपादक

  • गैरमुसलमान और विशेषकर हिन्दुओें के विरोध में विषैले वक्तव्य कर अनेकों को आतंकवादी कृत्य करने के विषय में प्रोत्साहन देने वाले और ऐसी अनेक हत्याओं में आतंकवादियों का आदर्श जाकिर नाइक के विरोध में कभी इन मान्यवरों ने विरोध का एक भी शब्द निकाला है क्या ? – संपादक

  • शुक्रवार की नमाज के बाद मस्जिद से इमामों द्वारा किये जाने वाले जिहादी विचारों के भाषणों के विषय में इन मान्यवरों ने कभी पुलिस को भी पत्र लिखा है क्या ? ऐसे भाषणों के कारण ही फ्रान्स में मस्जिदों पर ताले लगाए जा रहे हैं ! – संपादक

  • ‘अल्ला हु अकबर’ (अल्ला महान है) ऐसी घोषणाएं कर हिन्दुओं के मंदिरों पर, साथ ही हिन्दुओं पर आक्रमण करने वालों के विरोध में इन मान्यवरों ने ऐसे पत्र कभी लिखे हैं क्या ? – संपादक

  • काश्मीर में ३ दशक पहले हिन्दुओं का वंशसंहार कर उनको पलायन करने के लिए बाध्य करने के मामले में इन मान्यवरों ने कभी मुंह से एक भी शब्द निकाला है क्या ? – संपादक

  • ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासी और गरीब हिन्दुओं को लालच दिखाकर हो रहे धर्म परिवर्तन को रोकने के विषय में इन मान्यवरों ने कभी आवाज उठाई है क्या ? – संपादक

नई दिल्ली – हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं ने हरिद्वार, रायपुर आदि स्थानों पर हुए कार्यक्रम में मुसलमानों के विषय में घृणा फैलाने वाले विधान किए है । हिंसाचार को प्रोत्साहन देने वाले ऐसे भडकाऊ वक्तव्यों का सार्वजनिक विरोध करना चाहिए, साथ ही दोषी व्यक्तियों पर कडी कार्यवाही करनी चाहिए, ऐसा पत्र ५ पूर्व नौसेना और वायुसेना प्रमुखों सहित १०० मान्यवरों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है । इसमें पूर्व नौसेना प्रमुख एल. रामदास, विष्णु भागवत, अरूण प्रकाश, आर.के. धनोवा; पूर्व वायुसेना प्रमुख एस.पी. त्यागी, साथ ही पूर्व राजपत्रित अधिकारी, पत्रकार, अधिवक्ता, अर्थशास्त्री आदियों का समावेश है ।

इस पत्र में कहा है कि,

१. हरिद्वार में हुए ३ दिवसीय धर्मसंसद में हिन्दुत्वनिष्ठ नेता और साधु-संतों ने जो भडकाऊ भाषण किए, उसका हम विरोध करते हैं । इन नेताओं ने ‘भारत में हिन्दू राष्ट्र स्थापित करने सहित यह उद्देश्य पूर्ण करने के लिए आवश्यकता पडने पर हथियार उठाए’, ‘हिन्दुत्व की रक्षा करने के लिए विशिष्ट समुदाय के लोगोें की हत्या करें’, ऐसे वक्तव्य किए ।

२. ‘म्यानमार समान पुलिस, सेना और प्रत्येक हिन्दू को हथियार रखने चाहिए और एक समुदाय का नरसंहार करना चाहिए’, ऐसे उद्गार हिन्दू रक्षा सेना के स्वामी प्रबोधानंद ने धर्म संसद में किए थे ।

३. वर्तमान में देश की सीमा पर तनावग्रस्त स्थिति है । ऐसी स्थिति में देश में कुछ लोगों द्वारा भडकाऊ वक्तव्यों के कारण बाहरी शक्तियों को अपने आप हथियार  मिल सकते हैं । पुलिस हो या सेना उनमें होने वाली एकता की भावना को भडकाऊ भाषणों के कारण ठेस पहुंच सकती है ।