नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र विधानसभा के वर्षा कालीन सत्र में दंगों के कारण निलंबित किए गए भाजपा के १२ विधायकों के निलंबन पर रोक लगाना अस्वीकार कर दिया है । इस प्रकरण की आगामी सुनवाई जनवरी माह में होगी । सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के कारण, ये विधायक अब शीतकालीन सत्र में सम्मिलित नहीं हो पाएंगे ।
भाजपला 'सर्वोच्च' धक्का! १२ आमदारांचं निलंबन रद्द करण्यास न्यायालयाचा नकार https://t.co/0eLn9As7Nt
— Lokmat (@lokmat) December 14, 2021
वर्षा कालीन अधिवेशन में क्या हुआ था ?
वर्षा कालीन सत्र में, राष्ट्रवादी कांग्रेस के मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी आरक्षण से संबंधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया था । इस समय, भाजपा के विधायकों ने ‘उन्हें बोलने नहीं दिया गया है’, ऐसा आरोप लगाते हुए विधानसभा में हंगामा किया था । इतना ही नहीं, अपितु यह भी बात सामने आई है, कि अध्यक्ष भास्कर जाधव के कक्ष के बाहर उंचे स्वर में घोषणाएं देते हुए, उनसे धक्कामुक्की की थी । इस पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार एवं परिवहन मंत्री अनिल परब के मध्य हुई बैठक के पश्चात, भाजपा के १२ विधायकों को निलंबित करने का निर्णय लिया गया था । इनमें गिरीश महाजन, संजय कुटे, अभिमन्यु पवार, आशीष शेलार, पराग आळवणी, योगेश सागर, राम सातपुते, नारायण कुचे, अतुल भातखळकर, बंटी भागडिया, हरीश पिंपळे एवं जयकुमार रावल सम्मिलित हैं ।