बाबरी मस्जिद गिरानेवालों को धर्मनिरपेक्षता ने सजा दी क्या ? – सांसद असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, एम.आई.एम.

बाबर ने ५०० वर्ष पूर्व श्रीराम मंदिर गिराकर वहां बाबरी बनाई, ४०० वर्ष पूर्व औरंगजेब ने श्री काशी विश्वनाथ का मंदिर गिराकर वहां ज्ञानवापी मस्जिद बनाई, उसी प्रकार मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर गिराकर वहां ईदगाह मस्जिद बनाई, इसके लिए उनके वंशजों को कौन सजा देगा ? यह ओवैसी बताएंगे क्या ? – संपादक

मुंबई, १२ दिसंबर (वार्ता) – ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द ने मुसलमानों को अधिक धोखा दिया है । मस्जिद का ढांचा गिराने के बाद मुसलमानों के खून की होली खेली गई, मुसलमान युवकों पर ‘टाडा’ लगाई गई । यह कौन सी धर्मनिरपेक्षता ? बाबरी मस्जिद गिराने वालों को धर्मनिरपेक्षता ने सजा दी क्या ? ऐसा प्रश्न बाबरी मस्जिद गिराने के विषय में एम.आई.एम. पाटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने किया । ११ दिसंबर को चांदिवली (कांदीवली तो नही है कृपया स्पष्ट कर लें) में एम.आई.एम. की सार्वजनिक सभा में वे बोल रहे थे । इस समय मंच पर पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील, पूर्व विधायक वारिस पठान आदि नेता उपस्थित थे ।

औवैसी ने आगे कहा,

१. मैं राजकीय धर्मनिरपेक्षता नहीं मानता, केवल संविधान की धर्मनिरपेक्षता को ही मानता हूं । (ओवैसी का ढोंग ! यदि ये सांसद संविधान की धर्मनिरपेक्षता को मानते होते, तो उनकी पार्टी के नाम में ‘मुस्लिम’ ,ऐसा शब्द ना होता । धर्म के आधार पर उन्होंने अपनी पार्टी नहीं चलाई होती, उसी प्रकार धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगे होते ! – संपादक)

२. मुंबई उच्च न्यायालय ने स्वीकार किया है कि मुसलमान आर्थिक दृष्टि से पिछडे हैं । ‘महाराष्ट्र के मुसलमानों को आरक्षण दिया जाएगा’, ऐसा न्यायालय ने कहा है, लेकिन सरकार यह भूल गई । (संविधान में भी ‘धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा’, ऐसा स्पष्ट किया है, यह ओवैसी सहजता से नहीं बताते हैं, यह ध्यान दें ! – संपादक)

३. मुसलमानों को आरक्षण मिला, तो वे तुरंत प्रगति करेंगे । (आरक्षण देने से नहीं, तो जंग लगी मध्ययुगीन प्रथाओं से बाहर निकलकर आधुनिक समाज के साथ रहने पर ही मुसलमान प्रगति कर सकेंगे, यह मुसलमानों को क्यों नहीं बताते ओवैसी ? आरक्षण का लालच दिखाकर ओवैसी को केवल उनकी राजनीतिक रोटी सेंकनी है ! – संपादक)
४. आरक्षण, यह महाराष्ट्र के मुसलमानों का अधिकार है । आरक्षण के कारण ही मुसलमानों को प्रतिष्ठा मिलेगी । (देश में पिछले ७० वर्षों में आरक्षण मिलने पर भी एक भी समाजघटक प्रगति नहीं कर पाया’, ऐसा बताया जाता है, तो मुसलमान कैसे प्रगति करेगा ?, यह ओवैसी को स्पष्ट करना चाहिए था । – संपादक)

राहुल गांधी के मुंबई आने पर कर्फ्यू का आदेश जारी करेंगे क्या ?

एम.आई.एम. की सभा के समय कर्फ्यू का आदेश निकालने वाले राहुल गांधी के मुंबई दौरे के समय कर्फ्यू का आदेश जारी करेंगे क्या ? ऐसा प्रश्न सासंद असुदुद्दीन ओवैसी ने किया है ।

एम.आई.एम. की मुंबई सभा में कोरोना के नियम तारतार, पुलिस के विरोध का सामना कर सभा की !

कोरोना के नियम केवल सर्वसाधारण लोगों के लिए है क्या ? पुलिस और प्रशासन एम.आई.एम. के लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं करते ? – संपादक

मुंबई में सभा करने की अनुमति न होते हुए भी एम.आई.एम.ने पुलिस के विरोध का सामना करते हुए सार्वजनिक सभा आयोजित की । इस सभा में मंचासीन मान्यवर, साथ ही सभा में उपस्थित कार्यकर्ताओं में अधिकांश ने मुंह पर मास्क नहीं लगाया था । सभा स्थल पर सामाजिक अंतर का पालन भी नहीं किया था । इस कारण इस सभा में कोरोना के नियम तारतार होते दिखे । मुसलमानों को शिक्षा में आरक्षण दें और वक्फ बोर्ड की भूमि पर अधिकार कायम रखा जाए, इन मांगोें के लिए ही यह सभा आयोजित की गई थी ।