केरल के प्रसिद्ध चलचित्र निर्माता अली अकबर द्वारा इस्लाम का परित्याग और हिन्दू धर्म की स्वीकृति !

सामाजिक माध्यम पर, सी.डी.एस. बिपिन रावत की मृत्यु पर उत्सव मना रहे कट्टरपंथियों की इस कृति का परिणाम ! 

(सी.डी.एस. – चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ – तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख)

  • एक चलचित्र निर्माता को इस प्रकार से आनंद मनाने वाले कट्टरपंथियों की विकृत मानसिकता पर बुरा लगता है ; किन्तु ध्यान रहे, कि भारत के तथाकथित राजनीतिक दल जैसे कांग्रेस, एन.सी.पी., समाजवादी पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी इत्यादि को इसका बुरा नहीं लगता और वो इसका विरोध भी नहीं करते ! – संपादक

  • मुसलमान संगठन, उनके नेता, धर्मगुरु आदि अपने धर्म-बंधुओं का विरोध नहीं करते ? इस बात से लोग क्या समझें ? – संपादक

  • भारत में हिन्दुओं का यह मत है, कि भारत सरकार को भारत में उन मुसलमानों को सहायता और सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए, जो अपने धार्मिक भाइयों के इस प्रकार के विश्वासघाती कृत्यों से रुष्ट होते हैं और हिन्दू धर्म में परिवर्तित होना चाहते हैं ! – संपादक

कोच्चि (केरल) – “सी.डी.एस. जनरल बिपिन रावत की आकस्मिक मृत्यु के बाद, हम कुछ लोगों द्वारा किए गए उनके अपमान से दुखी हैं और हमने इस्लाम को त्यागने और हिन्दू धर्म को स्वीकारने का निर्णय लिया है”, केरल के एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता अली अकबर ने कहा । वे अपनी पत्नी के साथ हिन्दू धर्म में प्रवेश करने वाले हैं । सामाजिक माध्यमों पर, कट्टरपंथियों ने बडी संख्या में आनंद मनाने के छायाचित्र और रावत के निधन के चित्र प्रसारित किए थे, जिससे अकबर अत्यंत व्यथित हुए एवं उन्होंने धर्म परिवर्तन करने का निर्णय लिया । उन्होंने फेसबुक पर इसके विषय में एक वीडियो भी पोस्ट किया है । उनके इस वीडियो की कई मुसलमान फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने आलोचना की है एवं अभद्र भाषा में उनकी आलोचना भी की है ।

१. अकबर ने कहा कि, “इस्लाम के वरिष्ठ नेताओं ने भी इन बहादुर सेना प्रमुखों का अपमान करने वाले देशद्रोहियों का विरोध नहीं किया । इन सबके कारण, मेरा इस धर्म से विश्वास टूट गया है । इसलिए, आज मैं जन्म से मिली अपनी इस पहचान को त्याग रहा हूं । आज से मैं मुसलमान नहीं हूं । मैं भारतीय हूं । मेरा प्रत्युत्तर उन लोगों के लिए है, जिन्होंने भारत के विरोध में हजारों ‘स्माइली इमोजी’ (सोशल मीडिया पर छोटी-छोटी तस्वीरें) साझा की हैं ।”

२. एक अन्य पोस्ट में अकबर ने लिखा कि, “देश को जनरल रावत की मृत्यु के उपरांत आनंद मनानेवालों की पहचान कर उन्हें दंडित करना चाहिए ।” (जो एक चलचित्र निर्माता अनुभव करते हैं, क्या वह पुलिस और सरकार को नहीं समझ आता ? – संपादक) “रावत की मृत्यु पर आनंद मनाने की कृतियां इसका ताजा उदाहरण हैं । रावत की मृत्यु पर जश्न मनाने वाले एक खास धर्म के हैं । रावत ने अपने कार्यकाल में पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकवादियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की है, अपितु इसीलिए, उन्होंने ऐसा किया होगा ।”