समर्पित जीवन जीनेवाली और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति उत्कट भाव से युक्त बेळगांव की श्रीमती विजया दीक्षित बनीं सनातन की ११३ वीं व्यष्टि संत !

श्रीमती विजया नीळकंठ दीक्षितजी

     रामनाथी (गोवा) – बचपन से ही भगवान श्रीकृष्ण की निरपेक्ष भक्ति करनेवालीं, पति पू. नीळकंठ दीक्षितजी के साथ समर्पित जीवन जीनेवालीं और परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति उत्कट भाव से युक्त बेळगांव की श्रीमती विजया दीक्षित (आयु ८९ वर्ष) सनातन की ११३ वीं व्यष्टि संत बनी हैं । कार्तिक शुक्ल पक्ष त्रयोदशी (१७.११.२०२१) को उनके ८९ वें जन्मदिन पर सनातन की श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी ने यह आनंददायी घोषणा की । इस समय उपस्थित साधकों का भाव जागृत हो गया ।

पू. विजया दीक्षितजी को भेंटवस्तु देकर उनका सम्मान करती हुईं श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी

     श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी ने पू. दीक्षितजी को पुष्पहार पहनाकर और भेंटवस्तु देकर उनका सम्मान किया, साथ ही जन्मदिन के निमित्त उनकी आरती भी उतारी ।