हिन्दुओं का धर्मांतरण करने के लिए, प्रति माह १२ सहस्र रुपए प्राप्त होने की पादरियों की स्वीकृति !
ध्यान दें, कि भारत में अब तक लाखों हिन्दुओं का धर्मांतरण होने के पश्चात भी, स्वतंत्रता के ७४ वर्षों में, अब तक की सरकारों ने धर्मांतरण विरोधी कानून पारित नहीं किया है ! इससे यह सिद्ध होता है, कि हिन्दुओं पर हो रहे इस आघात से उनका कोई लेना-देना नहीं है ! यह स्थिति परिवर्तित करने के लिए तथा हिन्दुओं के अल्पसंख्यक होने से पूर्व, हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करें ! – संपादक
पाटलिपुत्र (पटना, बिहार) – सुपौल जनपद में, ६ नवंबर को हिन्दुओं को बाइबल वितरित करने वाले केरल के दो पादरियों को भीमपुर पुलिस ने बंदी बनाया । उनके नाम पादरी जॉर्ज एवं रिषू सुपौल हैं तथा वे शहर के भेलाही क्षेत्र में किराए पर रहते थे । रिषू सुपौल एक महिला पादरी हैं । पुलिस उनकी अधिक जांच कर रही हैं ।
ईसाईयों के धर्मांतरण का रैकेट बिहार में दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। अब बिहार के सुपौल जिले से केरल के दो पादरियों को ईसाई धर्मांतरण की कोशिश करते हुए पकड़ा गया है।https://t.co/bNrst2LlJR
— ऑपइंडिया (@OpIndia_in) November 7, 2021
१. सुपौल जनपद के केवला गांव में ये दोनों पादरी हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन करने का प्रयास कर रहे थे । इसके लिए, वे हिन्दुओं को विविध प्रलोभन दे रहे थे ।
२. जांच के समय पादरी जॉर्ज ने बताया, कि उन्हें हिन्दुओं के धर्मांतरण कार्य के लिए, प्रति माह १२ सहस्र रुपए प्राप्त होते हैं । ये पादरी, ईसाई पंथ स्वीकार करने वालों को भी कुछ पैसे देते थे । अब तक इन पादरियों ने अनेक हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन किया है । उन्होंने अनेक परिवारों को ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया है ।
३. पुलिस उनके परिचय पत्र सहित अन्य कागजात एकत्रित कर रहे हैं । इस प्रकरण में, अभी तक किसी ने भी लिखित शिकायत प्रविष्ट नहीं की है ।
४. यह धर्मांतरण रोकने के लिए, अब क्रोधित हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है । हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने कहा है कि, ‘जिस प्रकार धर्मांतरण के लिए लोगों को प्रलोभन दिए जा रहा हैं, उसे देखते हुए केंद्र सरकार को उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है ।’