‘जे.एन.यू.’ के बाद अब दिल्ली विद्यापीठ को भी अपने अधिकार में लेने का साम्यवादियों की ओर से ‘मार्क्स (अंक) जिहाद’ का षडयंत्र !

दिल्ली विद्यापीठ के प्रा. राकेश कुमार पांडे के गंभीर आरोप

(‘मार्क्स जिहाद’ अर्थात साम्यवादी और जिहादी विचारधारा के विद्यार्थियों को अधिकाधिक अंक देकर आगे की शिक्षा लेने के नामपर उन्हें नामांकित विद्यापीठों में घुसाकर वहां का वातावरण दूषित करना !)

  • दिल्ली विद्यापीठ में केरल के विद्यार्थियों को आसानी से मिल रहा है प्रवेश !– संपादक

  • केंद्र सरकार द्वारा इस विषय की जांच कर सत्य जनता के सामने लाना आवश्क ! ‘जे.एन.यू.’ समान कल को दिल्ली विद्यापीठ मे भी ‘भारत तेरे टुकडे होंगे’ जैसे देश विघातक नारे दिए जाने पर आश्चर्य ना लगे ! – संपादक

  • साम्यवादी और जिहादी विचारधारा यह भारत की जडपर उठी होने से दिल्ली विद्यापीठ में उनका दबदबा बढने के पहले ही उस पर नियंत्रण करना चाहिए । इसके लिए राष्ट्रप्रेमी जनता को वैधानिक मार्ग से आंदोलन करना आवश्यक है !– संपादक

  • भारतीय विद्यापीठों को साम्यवादी विचारधारा से मुक्त करने के लिए केंद्र सरकार क्या उपाय योजना निकालेगी ? सरकार ने ऐसी कठोर उपाय योजना की होती, तो ‘मार्क्स जिहाद’ अस्तित्व में ही ना आता !– संपादक
दिल्ली विद्यापीठ

नई दिल्ली – दिल्ली विद्यापीठ की चालू प्रवेश प्रक्रिया में ‘केरल राज्य उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल’ के विद्यार्थियों को सर्वाधिक प्रधानता मिल रही है । दिल्ली विद्यापीठ के अंतर्गत आने वाले किरोडीमल विश्वविद्यालय के भौतिकशास्त्र के प्राध्यापक और राष्ट्रीय जनतांत्रिक शिक्षक मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने इस संपूर्ण मामले को ’अंक जिहाद’ अथवा ‘मार्क्स जिहाद’ ऐसा संबोधित किया है । पांडेय ने एक फेसबुक पोस्ट द्वारा इस मामले में अनेक प्रश्न उपस्थित किए हैं ।

पांडेय की जानकारी के अनुसार पिछले कुछ वर्षों से एक षडयंत्र के अंतर्गत साम्यवादी और जिहादी विचारधारा के लोग केरल के विद्यार्थियों को दिल्ली विद्यापीठ में घुसा रहे हैं । ‘केरल राज्य उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल’ के ‘उदारमतवादी’ नीति के कारण (विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका जांचते समय उन्हें मुक्तरुप से अंक देने की नीति के कारण) केरल के अनेक विद्यार्थियों को १२ वीं की परीक्षा में १०० प्रतिशत अंक दिए जाते हैं । इस कारण दिल्ली विद्यापीठ की प्रवेश परीक्षा में अन्य राज्यों के विद्यार्थियों की तुलना में केरल के विद्यार्थियों के आसानी से पात्र होने से विद्यापीठ में प्रवेश मिल जाता है । परिणाम यह है कि जिस प्रकार साम्यवादियों ने जवाहरलाल नेहरू विद्यापीठ पर (जे.एन.यू. पर) नियंत्रण किया है, उसी प्रकार वे अब दिल्ली विद्यापीठ पर भी नियंत्रण कर लेंगे, ऐसा भय पांडेय ने जताया है ।

पांडेय ने ५ अक्टूबर के दिन किए फेसबूक पोस्ट में कहा है कि,

राकेशकुमार पांडेय

१. विद्यार्थियों के अंकों में और ‘केरल राज्य उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल’ से दिल्ली विद्यापीठ में प्रवेश के लिए आने वाले आवेदनों की संख्या में होने वाली आश्चर्यजनक वृद्धि, यह एक सुनियोजित षडयंत्र है ।

२. दिल्ली विद्यापीठ के अंतर्गत आने वाले एक महाविद्यालय को केवल २० स्थान होने वाले एक पाठ्यक्रम के लिए २६ विद्यार्थियों को प्रवेश देना पडा; कारण इन सभी विद्यार्थियों को केरल शिक्षा मंडल की ओर से १०० प्रतिशत अंक मिले थे । इसी तरह कुछ वर्षों से दिल्ली विद्यापीठ में अधिकाधिक ‘साम्यवादी’ कार्यकर्ताओं को घुसाने का षडयंत्र चल रहा है ।

३.जिहादी और साम्यवादी विचारधारा के लोग दिल्ली विद्यापीठ को नष्ट कर देंगे । विद्यापीमंम में साम्यवादी विद्यार्थी होने से वहां जहरीली विचारधारा फैलाई जाएगी, साथ ही बारबार हडताल होगी और परिसर में हिंसा बढेगी ।

४. दिल्ली विद्यापीड में ‘केरल राज्य उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल’ के विद्यार्थी अधिक संख्या में भरती होने की जानकारी का ‘टी.एफ.आई, पोस्ट’ इस वृत्त वेबसाइट ने विश्लेषण किया है । अनारक्षित श्रेणी के अंतर्गत भर्ती हुए २०६ विद्यार्थियों में से ९५ प्रतिशत विद्यार्थी केरल राज्य उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल के हैं । ‘टी.एफ.आई.’ की रिपोर्ट के माध्यम से संदेह व्यक्त किया गया है कि, २८ राज्यों और ८ केंद्रशासित प्रदेशों में से यदि ९५ प्रतिशत स्थानों पर केवल अकेला केरल नियंत्रण कर रहा है, तो केरल राज्य में एकतो अधिक उत्तम शिक्षा व्यवस्था है या कुछ तो घोटाला है ।

दिल्ली विद्यापीङ्ग की प्रवेश प्रक्रिया पर अ.भा.वि.प. का असंतोष !

दिल्ली विद्यापीठ की प्रवेश प्रक्रिया पर असंतोष प्रविष्ट कर अंक देने की पद्धति को तर्कसंगत बनाने की मांग की है ।

केरल का साम्यवादी और काँग्रेस की प्रा. पांडेय पर टिप्पणी !

प्रा. पांडेय के ‘मार्क्स जिहाद’ के दावे के कारण केरल के मानव संसाधन विकास मंत्री वी. शिवनकुट्टी और साम्यवादि विद्यार्थीयों के संघङ्गन् ाने पांडेय के विरोध में कार्यवाही करने की मांग की है । काँग्रेस नेता शशी थरुर ने पांडेय के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ कहा है । (साम्यवादियों अथवा काँग्रेसीयों द्वारा प्रा. पांडेय के आरोपों को नकारना, इसमें कुछ नया नही; लेकिन यह आरोप गंभीर हैं और सकृतदर्शनी तर्काधारित हैं । इसलिए इन आरोपों के जड तक जान आवश्यक है ! – संपादक)