इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अब एम्.ए. (वेदिक) उपाधि प्राप्त करने का अवसर !

  • इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय का प्रशंसनीय कार्य ! भारत की वैभवशाली संस्कृति में वेदों का अत्यंत महत्त्व है । इसलिए भारत के प्रत्येक विश्वविद्यालय को छात्रों को वेद की शिक्षा देने का निर्णय लेना आवश्यक ! – संपादक

  • भारत धर्मनिरपेक्ष देश होने के कारण विद्यालय-महाविद्यालयों में छात्रों को हिन्दुओं के धर्मग्रंथों की शिक्षा नहीं दी जाती । उसके कारण हिन्दुओं के धर्मग्रंथों में विद्यमान अमूल्य ज्ञान लेने से छात्र वंचित रहते हैं । इसलिए अब भारतीय शिक्षा प्रणाली को बदलने का समय आ चुका है । इसके लिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ! – संपादक 

देहली – देहली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के अंतर्गत संस्कृत विभाग की ओर से छात्रों को एम्.ए. (वेदिक) करने का अवसर दिया गया है । उसके कारण अब उन्हें वेदों में विद्यमान विज्ञान, चिंतन आदि बातों का अध्ययन करने का अवसर मिलनेवाला है ।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम को लागू करने हेतु समन्वय के रूप में काम करनेवाले संस्कृत विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. देवेशकुमार मिश्रा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इस पाठ्यक्रम के विकास के लिए संपूर्ण देश से वेदों के विद्वानों को आमंत्रित किया गया था । ४ और ५ अक्टूबर को पाठ्यक्रम निर्माण समिति की बैठक आयोजित की गई थी । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रा. नागेश्वर राव ने इस पाठ्यक्रम के विषय में कहा, ‘‘आज के समय में यह पाठ्यक्रम वेदों का महत्त्व एवं ज्ञान को लोगोंतक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा ।’’