बीकानेर (राजस्थान) में शिक्षकों की पात्रता परीक्षा में आधुनिक पद्धति से ‘कॉपी’ !

  • कॉपी करने के लिए चलदूरभाष (मोबाईल) संच, इंटरनेट, ‘ब्लू टूथ’ इत्यादि आधुनिक उपकरणों का उपयोग

  • डेढ करोड रुपए में बेचे उपकरण

  • कल तक विद्यार्थी कॉपी करते थे, अब जो विद्यार्थियों पर अच्छे संस्कार करनेवाले है, ऐसे शिक्षक बनने के अभिलाषी ही आधुनिक पद्धति से कॉपी कर रहे हो, तो इससे भारत का अध:पतन दिखाई देता है । यह भारतियों के लिए लज्जास्पद ! – संपादक
  • अब तक के शासनकर्ताओं ने जनता पर योग्य संस्कार न करने के कारण, साथ ही उन्हें साधना न सीखाने से यह स्थिति निर्माण हुई है । यह स्थिति बदलने के लिए अब हिन्दू राष्ट्र ही आवश्यक है ! – संपादक

     बीकानेर (राजस्थान) – राजस्थान सरकार की शिक्षक पात्रता परीक्षा में बडी मात्रा में कॉपी (नकल) किया जाने की घटना सामने आई है । जिसमें आधुनिक तकनीक द्वारा कॉपी करने का प्रयास किया गया । इंटरनेट के माध्यम से चलदूरभाष (मोबाईल) संच द्वारा कॉपी की जा रही है, यह ध्यान में आने पर इंटरनेट व्यवस्था बंद की गई । तब भी प्रशासन को कॉपी रोकना संभव नहीं हुआ । बीकानेर स्थित एक टोली ने इंटरनेट का उपयोग न करते हुए कॉपी करने की आधुनिक व्यवस्था तैयार की, ऐसा पता चला है ।

१. इस टोली ने कॉपी करने के लिए ऐसे २ उपकरण बनाए है, जिनसे उन्हें कॉपी करना संभव हुआ । इन उपकरणों में से एक उपकरण छोटे ‘रिमोट’ जैसा था तथा दूसरा उपकरण चप्पल में लगाया गया था । दोनों उपकरण चलदूरभाष (मोबाईल) के समान कार्य कर रहे थे । इनका मूल्य ६ लाख रुपए था । यह उपकरण २५ लोगों को डेढ करोड रुपए में बेचे गए ।

२. यह उपकरण बैठाने के लिए ८ से.मी. लंबा और ४ से.मी. चौडे आकार का एक बडा उपकरण निर्माण किया गया । उसमें सभी चलदूरभाष उपकरण बैठाए गए । इस हेतु बैटरी, सिम और मोबाईल ‘चिप’ का उपयोग किया गया । इस रिमोट से जुडा ‘ब्लू टूथ मिनी इयरफोन’ परीक्षार्थियों के कान में लगा कर उन्हें उत्तर सुनाए गए ।

अंतर्वस्त्र में उपकरण छुपाए !

     ‘रिमोट’ जैसा उपकरण कपडों में एक विशिष्ट पद्धति से बांध कर छुपाना था । पुरुषों को अंतर्वस्त्र में छुपाना था तथा महिलाओं को वह छुपाने के लिए ‘सैनिटरी नैपकिन’ का उपयोग करना था । इस प्रकरण में रतनगड, चुरू की निवासी एक महिला को बंदी बनाया गया । (३०.९.२०२१)