मध्य प्रदेश के शंकरपुर में सरकारीकरण किए गए मंदिर की भूमि की अवैध बिक्री !

  • जानिए मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम ! न केवल मध्य प्रदेश में, अपितु, भारत भर में अनेक मंदिरों की भूमि को इस प्रकार हडपा जा रहा है । इस कदाचार को रोकने के लिए, मंदिरों का सरकारीकरण समाप्त होना चाहिए ! – संपादक

  • क्या प्रशासन सो रहा था, जब सरकारी स्वामित्व वाले मंदिर की भूमि की बिक्री हो रही थी ? – संपादक

  • मध्य प्रदेश के साथ-साथ, केंद्र में भी भाजपा की सरकार है । भाजपा सरकार ऐसे कदाचार को रोकने के लिए, मंदिर विरोधी कानून क्यों नहीं बना रही है ? – संपादक

उज्जैन – सरकार द्वारा संचालित, श्री चारभुजा नारायण मंदिर शंकरपुर के पुजारी नारायण बैरागी का हाल ही में निधन हो गया है । यह तथ्य उजागर  हुआ है, कि उनकी पत्नी विष्णु बाई बैरागी और पुत्र राहुल बैरागी ने मंदिर की सरकारी भूमि, इंदौर के देवेंद्र सिंह बुंदेला को अवैध रूप से बेच दी है । इसलिए, सरकार इस भूमि को उपज के साथ अपने अधिकार में ले, अखिल भारत हिन्दू महासभा और मध्य प्रदेश युवा शिवसेना गोरक्षा ट्रस्ट की ओर से यह मांग की गई है । (ऐसी मांग क्यों करनी पडी ? सरकार से अपेक्षा की जाती है, कि वह स्वयं कार्रवाई करे ! – संपादक)

आरोप है, कि विष्णु बाई बैरागी और राहुल बैरागी ने पट्टे (लीज) के नकली दस्तावेज बनाकर, श्री चारभुजा नारायण मंदिर की भूमि देवेंद्र सिंह बुंदेला को ५ लाख रुपये में बेच दी । १० जुलाई को मंदिर की उर्वरित भूमि,  बुंदेला को ८ लाख रुपये में बेचने का व्यवहार हुआ । यद्यपि, यह मंदिर की भूमि है एवं जिलाधीश इसके अधिपति हैं ।

राहुल बैरागी को, उनके पुजारी पिता नारायण बैरागी की मृत्यु के उपरांत,  सरकारी पुजारी के रूप में पंजीकृत नहीं किया गया है । सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, इस भूमि के संरक्षक जिलाधीश हैं । इसके बाद भी उनके द्वारा मंदिर की भूमि बेच दी गई । इसलिए, मांग की जा रही है, कि इस मामले की जांच की जाए ।