अफगाणिस्तान में नियुक्त पाकिस्तान के विशेष राजदूत आसिफ दुर्रानी का वक्तव्य
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता में आने के पश्चात पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सीमावाद बढ गया है । दोनों देशों में जारी सीमा संघर्ष की पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान के अफगानिस्तान में नियुक्त विशेष राजदूत आसिफ दुर्रानी ने एक कार्यक्रम में कहा कि, अफगानिस्तान के साथ जारी संघर्ष के कारण पाकिस्तान का भारत के साथ हुए ३ युद्धों की अपेक्षा अधिक पैसा खर्च हुआ है । इस संघर्ष के कारण हुई प्राणहानि, सांपत्तिक एवं वित्तिय हानि अधिक मात्रा में है ।
दुर्रानी ने आगे कहा कि,
१. पीछले २ दशकों में आतंकवाद के कारण ८० सहस्रों से अधिक पाकिस्तानी मारे गए हैं और इसमें वृद्धि हो सकती है । अफगानिस्तान से ‘नाटो’ (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनायजेशन) सेना पीछे हटने पर अफगानिस्तान में स्थिरता आकर पूरे देश में शांति प्रस्थापित होगी, ऐसी अपेक्षा थी; परंतु यह कुछ दिन ही संभव हुआ ।
२. पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रतिबंधित ‘तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान’ (टीटीपी) नामक आतंकवादी संगठन के आक्रमणों में ६५ प्रतिशत वृद्धि हुई है । साथही आत्मघाती आक्रमण ५ गुना बढ गए हैं ।
३. टीटीपी आतंकवादी संगठन द्वारा पाकिस्तान पर आक्रमण करने के लिए अफगानिस्तानी भूमि का उपयोग करना, पाकिस्तान के लिए गंभीर चिंता की बात है । चिंताजनक बात यह है कि इन आक्रमणों में अफगानिस्तान के नागरिक भी सम्मिलित होते हैं ।
४. वर्ष १९७९ में तत्कालीन सोविएत युनियन ने अफगानिस्तान में उनकी सेना भेजने का निर्णय लिया, तब भू-राजनैतिक दृष्टि से पाकिस्तान की हानि हुई । अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आक्रमण के पश्चात परिवर्तित वैश्विक व्यवस्था का भी पाकिस्तान पर नकारात्मक परिणाम हुआ है ।
५. इन गतिविधियों के कारण पाकिस्तान को गैर-नाटो सहयोगी देश के रूप में नियुक्त किया गया । पाकिस्तान से व्यापार करना महंगा हुआ । साथही पाकिस्तान की निर्यात ठप हुई ।