अफगानिस्तान में फंस गए अमेरिका के ६१ सहस्र करोड रुपयों के शस्त्र !

काबुल (अफगानिस्तान) – अफगानिस्तान के तालिबान के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने अमेरिका के शस्त्र वापस न देने की बात स्पष्ट की है । ‘अमेरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प में यदि साहस है, तो वे यहां आकर अपने शस्त्र ले जा सकते हैं’, ऐसा कहते हुए तालिबान द्वारा डोनल्ड ट्रम्प को चुनौति दी है ।
१. ट्रम्प ने अफगानिस्तान में अमेरिका की सेना द्वारा वहां छोड दिए गए शस्त्र वापस लाने के विषय में टिप्पणी की थी । इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तालिबान के सेनाप्रमुख द्वारा अमेरिका को धमकाया गया है ।
२. वर्ष २०२१ में तालिबान द्वारा काबुल का दौरा करनेपर अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान छोड दिया था । उस समय अमेरिका ने अफगानिस्तान की भूमिपर बडी संख्या में शस्त्र छोड दिए थे । अब ट्रम्प ने ये शस्त्र वापस भेजने के विषय में वक्तव्य किया है । इस कारण तालिबान क्रुद्ध हुआ है ।
३. अफगानिस्तान के सेनाप्रमुख कारी फसिउद्दीन फितरत ने ट्रम्प को उत्तर देते हुए कहा ‘यदि आप में साहस हो, तो यहां आकर अपने शस्त्र वापस ले जाएं !’

४. इससे पूर्व अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भी ट्रम्प को इस प्रकार की चुनौति दी थी । मुजाहिद ने कहा था ‘ये शस्त्र अब अफगानिस्तान के हैं । हमने इसे युद्ध में जीता है । इस कारण यह हमारी संपत्ति है ।’
५. अमेरिका के सुरक्षा विभाग के विवरण (रिपोर्ट) के अनुसार अमेरिकी सेना द्वारा वापस आनेपर अफगानिस्तान में अनुमान से ७ अरब डॉलर्स के (६१ सहस्र करोड रुपयों के) सैनिकी उपकरण वहीं छोडकर उन्हें वापस आना पडा था । वर्ष २००५ से २०२१ के १७ वर्षों की समयावधि में अमेरिका ने अफगानिस्तान को अपनी सुरक्षा हेतु १८.६ अरब डॉलर्स के (१ लाख ६२ सहस्र करोड रुपयों के) शस्त्र दिए थे ।
६. २९ फरवरी २०२० को अमेरिका एवं अफगानिस्तान के मध्य दोहा समझौता हुआ था । इस समझौते के अनुसार अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान से अगस्त २०२१ में वापसी की थी ।