मैं यदि तालिबानियों से मारा भी गया, तो भी चलेगा, परंतु ईश्वर को नहीं छोडूंगा ! – हिन्दू पुजारी का निर्धार

अफगानिस्तान के रतननाथ मंदिर की पुजारी का काबुल छोडकर न जाने का निर्धार !

इससे हिन्दू पुजारी का उच्च कोटि का धर्माभिमान ध्यान में आता है ! ‘धर्माे रक्षति रक्षितः ।’, यह ईश्वर का वचन है । इसपर अटल श्रद्धा रखनेवाला व्यक्ति ही इस प्रकार की कृति कर सकता है ! – संपादक

     काबुल (अफगानिस्तान) – तालिबान द्वारा अफगानिस्तान नियंत्रण में लेने की पृष्ठभूमि पर काबुल में स्थित रतननाथ मंदिर के पुजारी पंडित राजेश कुमार ने अपने प्राण बचाने के लिए अफगानिस्तान से पलायन करने से इन्कार किया है ।

     पंडित राजेश कुमार ने कहा है, ‘‘कुछ हिन्दुओं ने मुझे अफगानिस्तान छोडने का आग्रह किया । मुझे यह भी बताया कि वे ‘मेरी यात्रा और रहने की व्यवस्था करेंगे ।’ मेरे पूर्वजों ने सैकडों वर्षाें से इस मंदिर की सेवा की है । अतः मैं यह मंदिर नहीं छोडूंगा । मैं यदि तालिबानियों से मारा भी गया, तो भी चलेगा; परंतु मैं ईश्वर और मंदिर को नहीं छोडूंगा ! यही मेरी सेवा है !’’ (हिन्दू यह भी ध्यान में रखें, ‘आपद्धर्म के अनुसार किसी संकट में अपना स्थान छोडने की अनुमति धर्मशास्त्र देता है ।’ – संकलक) (१८.८.२०२१)