भिखारियों को भीख मांगने से नहीं रोक सकते ! – सर्वोच्च न्यायालय

स्वतंत्रता के पश्चात भिखारियों की समस्या का समाधान भारत नहीं कर सका, यह लज्जाजनक है  ! न्यायालयों में करोडों प्रकरण लंबित होने की स्थिति में ऐसी सामाजिक समस्याओं पर न्यायालयों को सुनवाई करनी पडती है, इस पर सरकारी प्रणालियें के गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है !


नई देहली – भारत में फैल रहा कोरोना का संकट टालने के लिए यातायात के स्थानों एवं बाजारों में भीख मांगने से भिखारियों को रोकने की मांग करने वाली एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की । न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि वह भिखारियों को भीख मांगने से नहीं रोक सकती ।

न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचूड एवं न्यायमूर्ति एम आर शाह की न्यायपीठ ने इस विषय पर प्रविष्ट याचिका पर विचार करना अस्वीकार किया । न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा कि लोगों ने रास्तों पर भीख मांगने के पीछे एक कारण है गरीबी । यह एक सामाजिक एवं आर्थिक समस्या है । हम उनके बच्चों को शिक्षा दिलाने की व्यवस्था कर सकते हैं । भिखारियों के पुनर्वास एवं टीकाकरण के संदर्भ में याचिकाकर्ता की मांग पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार को सूचना जारी की है (नोटिस जारी किया है) ।