स्वतंत्रता के पश्चात भिखारियों की समस्या का समाधान भारत नहीं कर सका, यह लज्जाजनक है ! न्यायालयों में करोडों प्रकरण लंबित होने की स्थिति में ऐसी सामाजिक समस्याओं पर न्यायालयों को सुनवाई करनी पडती है, इस पर सरकारी प्रणालियें के गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है !
नई देहली – भारत में फैल रहा कोरोना का संकट टालने के लिए यातायात के स्थानों एवं बाजारों में भीख मांगने से भिखारियों को रोकने की मांग करने वाली एक याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई की । न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि वह भिखारियों को भीख मांगने से नहीं रोक सकती ।
#COVID19 | The Supreme Court issued notice to central and Delhi govts on a petition seeking #vaccination and rehabilitation of homeless and beggars. https://t.co/ywAzH64BxA
— Hindustan Times (@htTweets) July 27, 2021
न्यायमूर्ति धनंजय चंद्रचूड एवं न्यायमूर्ति एम आर शाह की न्यायपीठ ने इस विषय पर प्रविष्ट याचिका पर विचार करना अस्वीकार किया । न्यायमूर्ति चंद्रचूड ने कहा कि लोगों ने रास्तों पर भीख मांगने के पीछे एक कारण है गरीबी । यह एक सामाजिक एवं आर्थिक समस्या है । हम उनके बच्चों को शिक्षा दिलाने की व्यवस्था कर सकते हैं । भिखारियों के पुनर्वास एवं टीकाकरण के संदर्भ में याचिकाकर्ता की मांग पर सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र तथा दिल्ली सरकार को सूचना जारी की है (नोटिस जारी किया है) ।