परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘पाठशाला से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षा तक किसी भी पढ़ाई में मानवता की शिक्षा न देने के कारण, प्रत्येक क्षेत्र में जनता को लूटनेवाले व्यवसायी और नौकरी करनेवाले निर्माण हुए हैं ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘पाठशाला से लेकर स्नातकोत्तर शिक्षा तक किसी भी पढ़ाई में मानवता की शिक्षा न देने के कारण, प्रत्येक क्षेत्र में जनता को लूटनेवाले व्यवसायी और नौकरी करनेवाले निर्माण हुए हैं ।’
– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले