परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

विज्ञान की सीमा !

‘विज्ञान को अधिकांशतः कुछ भी ज्ञात न होने के कारण, बार-बार शोध कार्य करना पड़ता है । इसके विपरीत अध्यात्म में सब कुछ ज्ञात होने के कारण शोध कार्य नहीं करना पडता ।’

– (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले