पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर को बलूच नेता का कठोर उत्तर

पेशावर (पाकिस्तान) – वर्ष १९७१ में पाकिस्तान की सेना को कड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। उस समय ९३ सहस्त्र पाकिस्तानी सैनिकों ने न केवल आत्मसमर्पण किया था, बल्कि उनकी पैंट तक उतरवा दी गई थीं, जो आज भी बांग्लादेश में लटकी हुई हैं । यह इतिहास पाकिस्तान के विद्यालय में पढ़ाया जाना चाहिए ताकि आने वाली १० पीढ़ियों को यह याद रहे । ऐसा तीखा वक्तव्य बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रमुख नेता अख्तर मेंगल ने पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए किया ।
🇧🇩👖🔥 Baloch Leader Akhtar Mengal Schools Pak Army Chief!
Hits out at Gen. Asim Munir with a stinging reminder of 1971 — when 93,000 surrendered soldiers didn’t just lose a war, they lost their pants, still hanging in Bangladesh!
Time for Pakistan to revise its history books!… pic.twitter.com/XdMCoKRSs2
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) May 6, 2025
इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम के समय जनरल असीम मुनीर ने कहा था कि “बलूचिस्तान पाकिस्तान के माथे का मुकुट है। कुछ मुट्ठीभर लोग इसे पाकिस्तान से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन आने वाली १० पीढ़ियां भी इसमें सफल नहीं हो पाएंगी ।”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मेंगल ने कहा, “पिछले ७५ वर्षों से बलूच लोग पाकिस्तानी सरकार तथा सेना के अत्याचार सहन कर रहे हैं । हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं । हमने यातनाएं सही हैं और प्रत्येक घाव आज भी हमें याद है ।”