Roza On Road Outside Maharashtra Assembly : पुलिस ने विधानसभा के बाहर फुटपाथ को अवरुद्ध करके मुसलमानों को ‘रोजा’ खोलने से रोका !

  • दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के समाचार से मुसलमानों की उद्दंडता पर अंकुश !

  • नगर आयुक्त से दिए तत्काल कार्रवाई के आदेश !

(रोजा रमजान के महीने के दौरान उपवास का पालन है)

मुंबई नगर निगम आयुक्त भूषण गगरानी

मुंबई, १२ मार्च (वार्ता) – बजट सत्र के दौरान विधानसभा के समीप फुटपाथ को जाम कर अपना रोजा तोड़ने वाले मुसलमानों पर दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के एक समाचार के कारण रोक लगा दी गई है । दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के प्रतिनिधि ने वहां उपस्थित पुलिस अधिकारियों से पूछा कि विधानसभा जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पर फुटपाथों को अवरुद्ध किया जा रहा है, लेकिन विधानसभा की सुरक्षा के लिए वहां कार्यरत पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है । उन्होंने मुंबई महानगरपालिका आयुक्त कार्यालय को भी इस गंभीर घटना की जानकारी दी । मामले की गंभीरता को देखते हुए मुंबई नगर निगम आयुक्त भूषण गगरानी ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए । पुलिस ने १२ मार्च से फुटपाथ पर रोजा खोलने की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है ।

पुलिस ने मुस्लिम विक्रेताओं को चेतावनी दी !

फुटपाथ पर आलम खान नामक एक मुस्लिम विक्रेता सभी मुस्लिम विक्रेताओं को उपवास में सम्मिलित होने के लिए इकट्ठा कर रहा था । पुलिस ने दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के संवाददाता को फोन पर बताया कि आलम खान को पुलिस ने इस बारे में समझा दिया है ।

१. १० मार्च को दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के संवाददाता ने पाया कि रोजा खोलने के लिए विधानसभा के बाहर फुटपाथ को अवरुद्ध कर दिया गया था । आगे की जांच में पता चला कि यहां मुस्लिम विक्रेता अपना रोजा खोलने के लिए नियमित रूप से फुटपाथों को अवरुद्ध कर देते हैं ।

२. ११ मार्च की शाम को मुसलमान अपना रोजा खोलने के लिए फुटपाथ पर चटाई बिछा रहे थे और वहां तैनात पुलिस ने भी उन्हें नहीं रोका ।

३. प्रतिनिधि ने यह मामला विधानसभा की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी पुलिस निरीक्षकों के ध्यान में लाकर दिया । यह बताए जाने के उपरांत कि “बजट सत्र जैसे महत्वपूर्ण समय के दौरान होने वाली किसी भी अप्रिय घटना के लिए आप उत्तरदाई होंगे”, पुलिस निरीक्षक ने तुरंत मुंबई नगर निगम के अधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों को घटना की जानकारी दी ।

धार्मिकता नहीं, उद्दंडता !

रोजा खोलने के लिए मुसलमान समीप की मस्जिद अथवा किसी मुस्लिम व्यक्ति के घर पर जा सकते थे । पर, मुस्लिम विक्रेता व्यस्त सड़कों और विधानमंडल जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के फुटपाथों को रस्सियों से अवरुद्ध कर रहे थे । इस प्रकार आम लोगों को परेशान करके रोजा तोडना केवल उद्दंडता है !