अखबार से प्रचार का वादा कर २० लाख रुपये ऐंठने का आरोप
कर्णावती (गुजरात) – प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वित्तीय धोखाधड़ी (‘मनी लॉन्ड्रिंग’) से संबंधित एक प्रकरण में २५ फरवरी को गुजरात में ‘द हिन्दू’ के पत्रकार महेश लांगा को बंदी बनाया । ईडी के अनुसार, महेश लांगा कई वित्तीय धोखाधड़ी प्रकरणों में सहभागी था । उनके वित्तीय लेन-देन में बलपूर्वक वसूली, हेरफेर, तथा विभिन्न व्यक्तियों पर मीडिया प्रभाव का प्रयोग शामिल था । संघीय जाँच एजेंसी का कहना है कि यह पत्रकार ‘जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट घोटाले’ में भी शामिल है । अदालत ने पूछताछ के लिए लांगा को ४ दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है ।
१. २३ जनवरी को अंग्रेजी अखबार ‘द हिन्दू’ के पत्रकार महेश लांगा के खिलाफ कर्णावती के सैटेलाइट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था । यह शिकायत ‘प्रॉपर्टी डीलर’ जनक ठाकोर ने दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने लांगा पर ४० लाख रुपये वसूलने का आरोप लगाया था ।
२. शिकायत के अनुसार, लांगा ने ठाकोर से कहा था कि ‘द हिन्दू’ में उनका नाम प्रकाशित करने से उनके व्यवसाय को बहुत लाभ होगा । जनवरी २०२४ में लांगा ने ठाकोर से २० लाख रुपये लिए और एक लेख में उनका नाम शामिल किया । इसके बाद उसने फिर २० लाख रुपए मांगे ।
३. पत्रकार महेश लांगा को ८ अक्टूबर २०२४ को ‘जीएसटी’ से सम्मानित किया गया । उन्हें धोखाधड़ी के एक प्रकरण में बंदी बनाया गया था ।
संपादकीय भूमिकायदि इन आरोपों में सच्चाई है तो यह इस बात का एक और उदाहरण है कि पत्रकारिता अपनी विश्वसनीयता कितनी गंवा चुकी है ! लोकतंत्र को कमजोर करने वाले पत्रकारों को आजीवन सश्रम कारावास की सजा दी जानी चाहिए ! |