पिछले १० वर्षाें में मुंबई महानगरपालिका द्वारा संचालित मराठी माध्यम के १०० से अधिक विद्यालय बंद !

(प्रतिकात्मक छायाचित्र)

मुंबई – मुंबई महानगरपालिका ने ‘युनिफाइडे डिस्ट्रिक्ट इंफर्मेशन सिस्टम फॉर एज्युकेशन (यू.डी.आई.एस्.ई.)’ को विद्यालयों की जानकारी इकट्ठा कर दी । वर्ष २०१४-१५ इस शैक्षणिक वर्ष में मुंबई महानगरपालिका मराठी माध्यम के ३६८ विद्यालय चलाती थी । अब २०२३-२४ इस शैक्षणिक वर्ष में विद्यालयों की संख्या २६२ तक घट गई है । इसका अर्थ १० वर्षाें में १०० से अधिक विद्यालय बंद हुए हैं ।

मुंबई महानगरपालि का के शिक्षा अधिकारी राजेश कंकाळ ने कहा, ‘‘अनेक अभिभावक बच्चों को अंग्रेजी माध्यमों के विद्यालयों में भेज रहे हैं । जिन बच्चों को वहां प्रवेश नहीं मिलता, वे दूसरे विकल्प के रूप में मराठी माध्यम के विद्यालय चुनते हैं ।’’

संपादकीय भूमिका 

केंद्र सरकार ने मराठी भाषा को अभिजात भाषा की श्रेणी प्रदान की । राज्य सरकार ने ‘व्यापक मराठी भाषा नीति’ को मान्यता दी । राजधानी देहली में ७० वर्ष उपरांत मराठी साहित्य सम्मेलन संपन्न हुआ; परंतु ऐसा होते हुए भी मराठी विद्यालयों की यह दुर्दशा सरकार की मराठी भाषा से संबंधित नीतियों की फलोत्पति पर प्रश्नचिन्ह खडा करती है, ऐसा किसी ने कहा, तो उसमें अनुचित क्या है ?