MLA T. Raja Singh : ‘मेटा’ ने प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह के २ फेसबुक तथा ३ इंस्टाग्राम खाते हटाए !

नीतियों का उल्लंघन करने से की कार्यवाई

नई देहली – सामाजिक माध्यम फेसबुक एवं इंस्टाग्राम चलानेवाले प्रतिष्ठान ‘मेटा’ ने भाग्यनगर (तेलंगाना) के भाजपा के प्रखर हिन्दुत्वत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह से संबंधित २ फेसबुक खाते तथा ३ इंस्टाग्राम खातों को हटा दिया है । ‘इंडिया हेट लैब’ (आई.एच्.एल्.) के ब्योरे में अधिकृतरूप से प्रतिबंध होते हुए भी टी. राजा सिंह तथा उनके समर्थक सामाजिक माध्यमों से मुसलमानों के विरुद्ध कथितरूप से द्वेषपूर्ण लेखन कर रहे हैं, यह स्पष्ट होने के उपरांत यह कार्यवाई की गई । हटाए गए फेसबुक ‘पेज’ के १० लाख से अधिक फॉलोअर्स (समर्थक) थे, जबकि इंस्टाग्राम खातों के कुल १ लाख ५५ सहस्र से अधिक फॉलोअर्स थे ।

यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आक्रमण है ! – टी. राजा सिंह

टी. राजा सिंह ने मेटा की इस कार्यवाई के संदर्भ में प्रकाशित विज्ञप्ति में कहा है कि फेसबुक एवं इंस्टाग्राम ने मेरा परिवार, मित्र, कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों के खाते बंद किए हैं, जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है । यह तो हिन्दुओं को लक्ष्य बनानेवाली ‘चुनिंदा सेंसॉरशिप’ है । यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किया गया आक्रमण है । इससे पूर्व राहुल गांधी की शिकायत पर मेरे अधिकृत खाते को अनुचित पद्धति से लक्ष्य बनाया गया था । अब मेरा वीडियो शेयर करनेवालों को भी चुप किया जा रहा है ।

हमारी नीतियों का उल्लंघन किया गया ! – फेसबुक

फेसबुक के प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि हमने टी. राजा सिंह के फेसबुक खाते पर प्रतिबंध लगाया है; क्योंकि उन्होंने हमारी नीति का उल्लंघन किया है । हिंसा एवं द्वेष को प्रोत्साहन देनेवाले अथवा उसमें सहभागी लोग हमारे मंच पर प्रतिबंधित हैं । संभावित उल्लंघनकर्ताओं का मूल्यांकन करने की प्रक्रिया व्यापक है तथा इसीलिए हमने उनके खातों को हटाने का निर्णय लिया है ।

मुसलमानविरोधी वक्तव्यों का परिणाम

टी. राजा सिंह के कथित भडकाऊ तथा मुसलमानविरोधी वक्तव्य देने के इतिहास के कारण मेटा के ‘संकटदायी ‍व्यक्ति एवं संगठन’ की नीति के अंतर्गत उन पर यह प्रतिबंध लगाया गया है । इस प्रतिबंध के कारण टी. राजासिंह की इस मंच पर किसी भी आधिकारित उपस्थिति पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा उनका प्रतिनिधित्व करनेवाले सभी नए पृष्ठ, समूह अथवा खातों को भी हटाया गया है ।

संपादकीय भूमिका 

ऐसी नीतियां केवल हिन्दुत्वनिष्ठों पर ही लागू होती हैं तथा उन पर ही कार्यवाई होती है, जबकि जिहादी आतंकवादी, उनके समर्थक, धर्मनिरपेक्षतावादी तथा साम्यवादी हिन्दुविरोधियों आदि के विरुद्ध शिकायत देकर भी उन पर कभी कार्यवाई होती हुई दिखाई नहीं देती । इसे देखते हुए अब भारत सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना आवश्यक हो गया है !