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नई दिल्ली – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज के नियमों के विरुद्ध बोलने की किसी को भी अनुमति नहीं है । अगर यह अशलील यूट्यूब नहीं है, तो और क्या है? इस व्यक्ति के मन में कुछ गंदा है । तुम्हारे शब्द ऐसे हैं कि माता-पिता और बहनों को शर्म आएगी । पूरे समाज को इस पर शर्म अनुभव होगी । हम तुम्हारे विरुद्ध प्रविष्ट मामलों को रद्द क्यों करें अथवा उन्हें एक साथ (क्लब) क्यों करें ? ऐसा सवाल सर्वोच्च न्यायालय ने यूट्यूबर रणबीर अल्लाहबादिया से पूछा । इस समय न्यायालय ने अल्लाहबादिया की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है ।
यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में अल्लाहबादिया ने माता-पिता के संदर्भ में अत्यंत अशलील टिप्पणी की थी । इसके उपरांत उसके विरुद्ध मामले प्रविष्ट किए गए । इस कारण उसने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है ।
सर्वोच्च न्यायालय ने अल्लाहबादिया को अपना पासपोर्ट ठाणे पुलिस थाने में जमा करने का निर्देश दिया और कहा कि वह न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना भारत नहीं छोड सकता ।