पुलिस स्टेशन में अपराध दर्ज कराएं !
पुणे – अलग राज्य में रहने वाली दो महिलाओं मुनमुन ठाकरे और अनवरा बेगम ने खुद को लातूर और सांगली जिलों की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बताकर नकली पहचान पत्रों का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र में लाड़की बहिन योजना के लिए १ सहस्त्र १७१ आवेदन भरे ; हालांकि, जांच में पता चला कि ये महिला आवेदक उत्तर प्रदेश, असम, बंगाल और राजस्थान से हैं । यह भी पता चला कि वह आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नहीं थी । इस मामले में अपराध दर्ज कर लिया गया है। उन्हें गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। मुनमुन ठाकरे ने अपना पता सांगली जिले के हजारवाड़ी बताया था, जबकि अनवरा बेगम ने अपना पता लातूर जिले के बोरगांव बताया था।
Thousands of bogus applications were used by two non-local women to fraudulently benefit from the ‘Ladki Bahin Yojana’ ! – Case registered at the police station!
How did the administration fail to detect that thousands of applications were fake? Was the verification process… pic.twitter.com/JxIddLE51a
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 2, 2025
अकेले बारशी तालुका में २२ नकली आवेदन प्राप्त हुए । अब उनको मिलने वाला पैसा तत्काल बंद कर दिया गया है। बार्शी तालुका के एक गांव में मुस्लिम महिलाओं के आवेदन मिले। वास्तविक गांव में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। अधिकारियों ने आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते के आधार पर विवरण का सत्यापन किया था।
संपादकीय भूमिकाप्रशासन को यह कैसे पता नहीं चला कि हजारों आवेदन नकली थे ? क्या आवेदनों की बिना सोचे-समझे जांच की गई ? ऐसे दोषी कर्मचारियों को भी दंडित किया जाना चाहिए ! |