कनाडा सरकार द्वारा गठित आयोग ने इसकी पुष्टि की है !
ओटावा (कनाडा) – कनाडा द्वारा स्थापित मैरी जोसी हॉग आयोग ने प्रतिवेदन में कहा है कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता का कोई साक्ष्य नहीं मिला है । साथ ही विवेचन में यह भी कहा गया है कि भारत ने निज्जर की हत्या के संबंध में भ्रामक सूचना फैलाई ।
India is not involved in the killing of Khalistani terrorist Nijjar !
Judgement from the commission established by the Canadian government !
Now what is the atonement that Prime Minister Justin Trudeau will take for defaming India ?
Are the people of Canada going to hold him… pic.twitter.com/xab0jQ7tUC
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 30, 2025
१. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या १८ जून २०२३ को हुई थी । कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने नवंबर २०२३ में देश की संसद में आरोप लगाया था कि हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में एक भारतीय राजनयिक समेत कई लोग सम्मिलित थे । कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि उनके पास इस संबंध में साक्ष्य भी हैं । वास्तव में, ट्रूडो ने अब तक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है ।
२. इसके कारण भारत ने ४१ कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था । कनाडा के आरोपों के उपरांत भारत ने वहां के लोगों के लिए वीजा (एक आधिकारिक प्रपत्र अथवा स्टाम्प जो किसी देश में यात्रा की अनुमति देता है) सेवाएं निलंबित कर दीं । यद्यपि तदोपरांत राजनयिक स्तर पर चर्चा हुई और कुछ मास उपरांत वीजा सेवाएं पुन: प्रारंभ कर दी गईं ।
भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान ने कनाडा के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप किया !
प्रतिवेदन में भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान को कनाडा के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप करने के लिए उत्तरदायी ठहराया गया है । इसमें कहा गया है कि भारत ने कनाडा के चुनावों में तीन राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को पैसे देकर चुपचाप समर्थन दिया है । इसके लिए हस्तकों का उपयोग किया गया ।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रतिवेदन के इस दावे को निरस्त कर दिया । विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि वास्तविकता यह है कि कनाडा लगातार भारत के आंतरिक विषयों में हस्तक्षेप करता रहा है ।
सितंबर २०२३ में एक कनाडाई गुप्तचर संस्था ने एक प्रतिवेदन में दावा किया था कि चीन ने २०१९ और २०२१ में कनाडा में हुए दो चुनावों में हस्तक्षेप किया था । चीन ने जस्टिन ट्रूडो को चुनाव जीतने में सहायता की । इसके उपरांत प्रधानमंत्री ट्रूडो ने प्रकरण की जांच के लिए सितंबर २०२३ में हॉग आयोग का गठन किया।
संपादकीय भूमिकाकनाडा के कार्यवाहक प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भारत के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के लिए क्या प्रायश्चित लेंगे ? क्या कनाडा के लोग उन्हें उत्तरदायी ठहराएंगे ? क्या कनाडा की अपकीर्ति करने के लिए उन पर कनाडा में अभियोग चलाया जाएगा ? |