(डीप स्टेट किसी देश में कोई सरकारी व्यवस्था नहीं है, अपितु एक षड्यंत्र के अंतर्गत गुप्त पद्धति से सभी स्तरों पर काम करने वाली एक राष्ट्र विरोधी व्यवस्था है !)

वाशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा निर्गमित आदेश के उपरांत , पाकिस्तान को प्रदान की जाने वाली सहायता अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई है तथा इसका पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। इस आदेश के कारण पाकिस्तान में ऊर्जा क्षेत्र से जुडी परियोजनाएं रुक गई हैं। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य सुरक्षा, बाढ, जलवायु और शिक्षा से जुडी अनेक परियोजनाएं भी ठप्प हो गई हैं। इनमें से कुछ परियोजनाएं स्थायी रूप से बंद हो जाने की सम्भावना है। गत २० वर्षों में संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को ३२ अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
१. २०२३ में अमेरिका ने १५८ देशों को लगभग ३ लाख ८९ सहस्त्र करोड रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की; यद्यपि ट्रम्प के आदेश के उपरांत , विदेश नीति की समीक्षा पूरी होने तक सभी विदेशी सहायता को ९० दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
२. पाकिस्तान के पास वर्तमान में केवल १६ अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। सितंबर २०२४ में, पाकिस्तानी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से ७० लाख डॉलर की सहायता प्राप्त हुई। वहीं आई.एम.एफ. ने वर्ष २०२५ के लिए पाकिस्तान की विकास दर का अनुमान घटाकर ३ प्रतिशत कर दिया है।
बांग्लादेश और नेपाल को दी जाने वाली वित्तीय सहायता भी रोक दी गई !
पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश और नेपाल को भी संयुक्त राज्य अमेरिका से महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिल रही थी। दिसंबर २०२४ के आंकडों के अनुसार, बांग्लादेश को ४९०० लाख डॉलर की सहायता प्रदान की गई। बांग्लादेश को भोजन, शिक्षा, सुरक्षा और विकास के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका पर निर्भर रहना पडता है।
नेपाल विश्व का १९वां देश है जिसे अपने विकास प्रयासों में अमेरिकी सहायता प्राप्त हो रही है। संयुक्त राज्य अमेरिका नेपाल को स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, विकास, आर्थिक विकास, मानवीय सहायता तथा महिला एवं बाल कल्याण जैसे क्षेत्रों में सहायता प्रदान करता है। ट्रम्प के आदेश से नेपाल भी प्रभावित हुआ है।
संपादकीय भूमिका
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