Jallikattu Tragedy : तमिलनाडु में आयोजित ‘जल्लीकट्टू’ क्रीड़ा में ७ लोगों की मृत्यु और ४०० लोग घायल ।

२ बैल भी मरे 

चेन्नई (तमिलनाडु) – ‘पोंगल’ त्योहार पर तमिलनाडु के अनेक जनपदों में १६ जनवरी को मनाए गए ‘जल्लीकट्टू’ उत्सव में ७ लोगों की मृत्यु हुई तथा ४०० लोग घायल हुए । पुदुक्कोट्टई और शिवगंगाई में २ बैलों की मृत्यु हुई । मरने वालों में अधिकतर लोग इस खेल में सम्मिलित नहीं थे; वे या तो बैल मालिक थे अथवा दर्शक । इस उत्सव में बैल को लोगों की भीड़ में दौड़ाया जाता है । इस खेल में पूरे राज्य से ६०० से अधिक बैलों का समावेश किया गया था ।

क्या है जल्लीकट्टू ?

तमिलनाडु में प्रति वर्ष मकर संक्रांति के दिन ‘पोंगल’ त्योहार मनाया जाता है । यहां के लोग इस दिन वर्ष प्रारंभ करते हैं । ३ दिन चलने वाले इस त्योहार के अंतिम दिन बैलों की पूजा की जाती है । उन्हें सजाया जाता है । पश्चात जल्लीकट्टू खेल आरंभ होता है । यह खेल पोंगल त्योहार का एक भाग है । इस खेल में बैल को भीड़ में छोड़ा जाता है । इसमें भाग लेनेवाले लोग बैल का कंधा पकड़ कर उसे रोकने का प्रयत्न करते हैं । जो व्यक्ति बैल का कंधा सबसे अधिक समय तक पकड़े रहता है, उसे विजेता घोषित किया जाता है । जल्लीकट्टू का इतिहास २ हजार ५०० वर्ष प्राचीन है । जल्लीकट्टू नाम जल्ली (सोने-चांदी के सिक्के) और कट्टू (बंधा हुआ) इन दो शब्दों से मिलकर बना है । जल्लीकट्टू में जब बैल मरता है, तब खेलाडी अपना मुंडन करवा कर मृत बैल का अंतिम संस्कार करते हैं ।