|
ढाका (बांग्लादेश) – बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है । यह याचिका एक वकील ने दायर की है । बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि इस्कॉन एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन है । तत्पश्चात यह याचिका दायर की गई । इसके पश्चात कोर्ट ने सरकार को जांच के आदेश दिए हैं ।
🚨🕉️ Demand for @IskconInc Ban in Bangladesh: A Threat to Hindu Rights! 🕉️🚨
A petition in the Bangladesh High Court is seeking a ban on ISKCON, labeling it a “Radical Organization”! 🤯
This move is backed by the Bangladesh government, which has ordered an investigation into… pic.twitter.com/Wh1bAQdt4z
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 27, 2024
१. अदालत ने महाधिवक्ता से ‘इस्कॉन’ के बारे में एवं ‘बांग्लादेश में इसकी स्थापना कैसे हुई ‘ इस सन्दर्भ में जानना चाहा । जवाब में महाधिवक्ता ने कहा कि यह संगठन कोई राजनीतिक दल नहीं है । यह एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन है । सरकार इसकी जांच कर रही है ।
२. हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता को इस्कॉन पर सरकार के रुख और देश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर २८ नवम्बर की सुबह तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया ।
३. याचिका में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए चटगांव तथा रंगपुर में आपातकाल लगाने के निर्देश देने की भी मांग की गई, क्योंकि चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के खिलाफ देश भर के शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए । कोर्ट ने सरकार को इस सम्बन्ध में तत्काल निर्णय लेने का निर्देश दिया है ।
४. इस्कॉन सदस्य चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में हिन्दू विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । इस पर कट्टर मुसलमानों द्वारा हमला किया जा रहा है । इस पृष्ठभूमि में इस्कॉन ने बांग्लादेश सरकार की निन्दा करते हुए एक बयान प्रसारित किया था ।
संपादकीय भूमिका
|