Canada Hindu Temple Khalistani Attack : कनाडा में मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों द्वारा आक्रमण

  • हिन्दू भक्तों की पिटाई !

  • प्रधानमंत्री ट्रूडो का विरोध

ब्रैम्पटन (कनाडा) – खालिस्तान समर्थकों ने यहां हिन्दू सभा मंदिर में प्रवेश किया और हिन्दू भक्तों पर आक्रमण किया । यह घटना ३ नवंबर की सुबह की है । कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आक्रमण की निंदा की । ट्रूडो ने कहा कि ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर में हुई हिंसा अस्वीकार्य है । कनाडा के प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्र रूप से तथा सुरक्षित रूप से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है ।

क्या हुआ था ?

खालिस्तानी अपना झंडा लेकर मंदिर के बाहर पहुंचे थे । उनके हाथों में लाठियां थीं । उन्होंने मंदिर परिसर में प्रवेश किया तथा हिन्दू भक्तों को लाठियों से पीटने लगे । इस बार महिला श्रद्धालुओं पर भी आक्रमण किया गया । हिन्दू श्रद्धालुओं ने भी उनका विरोध करने का प्रयास किया तथा उनके बीच मारपीट हुई । इस घटना के वीडियो सामाजिक माध्यम पर वायरल हो रहे हैं ।

कनाडा में हिन्दू श्रद्धालुओं पर आक्रमण से तनाव बढ़ गया है । मंदिर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है । पील क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख निशान दुरईपा ने कहा कि हम शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से विरोध करने के अधिकार का सम्मान करते हैं; लेकिन हिंसा और आपराधिक कृत्य सहन नहीं किए जायेंगे । ऐसे कृत्यों में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी ।

हिन्दुओं की रक्षा नहीं कर पा रहा हमारा देश ! – कनाडाई विपक्ष के नेता

कनाडा के विपक्षी नेता पिये पोलिवेरा ने मंदिर पर आक्रमण की निंदा की । उन्होंने कहा कि हमारा देश हिन्दुओं की रक्षा करने में सक्षम नहीं है ।
ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह अत्यधिक निराशाजनक है ।

चरमपंथियों के लिए सुरक्षित स्थान बन गया है कनाडा ! – टोरंटो के सांसद केविन वुओंग

टोरंटो के सांसद केविन वुंग ने भी आक्रमण की निंदा की । उन्होंने कहा कि कनाडा चरमपंथियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बन गया है । देश के नेता हिन्दुओं की रक्षा करने में उसी तरह विफल रहे हैं, जैसे वे ईसाइयों और यहूदियों की रक्षा करने में विफल रहे हैं ।

खालिस्तानी आतंकियों ने पार की सीमा ! – सांसद चंद्र आर्य

सांसद चंद्र आर्य

भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि खालिस्तानी आतंकी सीमा पार कर चुके हैं । ऐसी घटनाएं कनाडा में निर्लज्ज हिंसक उग्रवाद के उदय को दर्शाती हैं । मंदिर के श्रद्धालुओं पर खालिस्तानियों का आक्रमण दिखाता है कि कनाडा में आतंकवाद कितनी सीमा तक घुस चुका है । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत खालिस्तानी आतंकवादियों को छोड़ दिया गया है । कनाडा में हिन्दुओं को अपनी रक्षा के लिए आगे आना चाहिए और अपने अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए । उन्हें अपने नेताओं पर दबाव डालना चाहिए ।

कनाडा में सरकार ऐसी बातों पर राजनीति कर रही है ! – अमेरिकी सांसद श्री थानेदार

अमेरिकी सांसद श्री थानेदार

अमेरिका के सांसद श्री. श्री थानेदार ने भी विरोध किया । उन्होंने कहा कि मैंने अमेरिका में एक हिन्दू संगठन की स्थापना की है । मैंने अमेरिका में हिन्दू मंदिरों पर हो रहे आक्रमणों के बारे में अमेरिकी आंतरिक विभाग से कई बार बात की है । अब ये स्पष्ट हो गया है कि कनाडा में सरकार ऐसी बातों पर राजनीति कर रही है । सरकार कनाडा में कुछ अल्पसंख्यक समूहों की चापलूसी करने का प्रयास कर रही है ।

कनाडा में हिन्दुओं पर आक्रमण स्पष्ट रूप से आतंकवादी कृत्य है । ऐसे आक्रमणों के लिए कनाडाई सरकार द्वारा दी गई सुरक्षा की निंदा की जानी चाहिए । बांग्लादेश में हिन्दू अल्पसंख्यकों के समान, कनाडा में हिन्दू अल्पसंख्यकों के पास भी बुनियादी मानवाधिकार हैं ।

उनकी सुरक्षा की जानी चाहिए । मैंने इन प्रकारों पर अंकुश लगाने का बहुत प्रयास किया है । मैंने बार-बार अमेरिका में जो बिडेन प्रशासन पर अल्पसंख्यकों के विरुद्ध इन अपराधों को गंभीरता से लेने के लिए दबाव डालने का प्रयास किया है, चाहे वह बांग्लादेश में हो अथवा अमेरिका या कनाडा में ।

अखिल भारतीय संत समिति का विरोध

कनाडा में मंदिर पर आक्रमण के पश्चात अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि यह वैश्विक हिन्दू विरोधी षड्यंत्र का भाग है । ट्रूडो सरकार इस आक्रमण को खालिस्तानी आक्रमण कहकर बच नहीं सकती । पूरी दुनिया में अहिंसा का संदेश फैलाने वाले सनातन धर्मियों के मंदिरों पर यदि आक्रमण होते हैं तो सरकार को विफल माना जाना चाहिए । भारत सरकार को इस प्रकरण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए ।

दिवाली के अवसर पर मंदिर गए प्रधानमंत्री ट्रूडो !

प्रधानमंत्री ट्रूडो

इस आक्रमण से पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में हिन्दुओं को दिवाली की शुभकामनाएं दी थीं । उन्होंने सामाजिक माध्यम पर एक वीडियो प्रसारित किया । वीडियो में ट्रूडो ने अपनी कलाई पर बंधे पवित्र धागों की ओर संकेत करते हुए कहा, ‘मुझे ये धागे जब मैं पिछले तीन महिनों में अलग अलग मंदिरों में गया तब बांधे गए थे । यह सौभाग्य लेकर आते हैं, सुरक्षा देते हैं । जब तक यह अपनेआप नहीं निकलते मैं इन्हें नहीं निकालूंगा ।

संपादकीय भूमिका

दिवाली के दिनों में खालिस्तानी हिन्दू मंदिरों पर आक्रमण करते हैं, क्या ट्रूडो इस पर कड़ी कार्रवाई करने वाले हैं ? यही आज प्रश्न है । ट्रूडो को स्मरण रखना चाहिए कि वह चाहे कितनी भी बार मंदिर जाएं, हिन्दुओं के मन में उनके प्रति अपनापन नहीं निर्माण होगा !

संपादकीय भूमिका

कनाडा में ट्रूडो सरकार द्वारा खालिस्तानियों को भारत तथा हिन्दुओं के विरुद्ध गतिविधियां चलाने की पूरी छूट दी गई है, ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं । हालांकि भारत कनाडा को खींच कर रखने का प्रयास कर रहा है, परंतु वो प्रयास अपर्याप्त हैं, क्योंकि इससे पता चलता है कि भारत को अब कनाडा का बहिष्कार कर देना चाहिए !