लेखिका नीना राय हैं, जो देहली की एक हिन्दू लेखिका हैं !
नई दिल्ली – भगवान श्रीराम के अयोध्या के श्रीराम मंदिर में लौटने के पश्चात अर्थात लगभग ५०० वर्ष के उपरांत इस वर्ष यह पहली दिवाली है । श्री राम की अयोध्या इतनी अनोखी क्यों है ? इसमें ऐसा क्या विशेष है कि कई हिन्दुओं ने इसे संरक्षित करने के लिए अपना सब कुछ जोखिम में डाल दिया ?’, इन प्रश्नों का उत्तर ‘अद्भुत अयोध्या: प्रभु श्रीराम की दिव्य नगरी’ पुस्तक में दिया गया है । पुस्तक की लेखिका नीना राय ने हाल ही में ‘सनातन प्रभात’ से इस बारे में बात की । इस बार वह बात कर रही थी ।
राय ने कहा, “पुस्तक पढ़ने से आपको अयोध्या के गहन महत्व का बोध होगा तथा आपके दिल में ‘हिन्दू’ होने पर गर्व की एक नई और रोमांचक भावना जागृत होगी ।”
Uncover the Glory of #Ayodhya!🛕🚩
"Amazing Ayodhya" by @NeenaRai reveals the ancient city's significance, exploring its history, culture, and Diwali connection! 🎉
🌈 Did you know? This Diwali 🪔 marks 500 years since Prabhu Shri Ram's return to Ayodhya!
📖 The book exposes:… pic.twitter.com/rYrU6UjgpG
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 1, 2024
यह पुस्तक ‘ब्लूम्सबरी इंडिया’ द्वारा प्रकाशित की गई है । पुस्तक का मूल्य ३३५ रुपये है तथा यह अमेज़न पर खरीदने के लिए उपलब्ध है । यह पुस्तक हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है । अंग्रेजी पुस्तक का नाम ‘अमेजिंग अयोध्या: द स्प्लेंडिड एंशिएंट सिटी ऑफ लॉर्ड राम’ है ।
राय ने आगे कहा,
१. मुग़ल बादशाह बाबर ने भारत की पवित्र भूमि के राजाओं को उखाड़ फेंकने के बाद निर्दोष हिन्दुओं पर क्रूर अत्याचार करने आरंभ कर दिए । उसने निर्दोष हिन्दुओं के विरुद्ध जघन्य कृत्य किए ।’ इसी कारण उसे ‘गाजी’ की उपाधि दी गई, जिसका अर्थ है – काफिरों से ‘जर’ (धन), ‘जोरू’ (महिलाएं) और ‘जमीन’ (जमीन) लूटने वाला !’
२. बाबर को पूरा विश्वास था कि जब तक श्री राम के जन्मस्थान पर मंदिर खड़ा है और भगवान श्री राम की पूजा की जा रही है, ये हिन्दू काफिर इस्लाम में परिवर्तित नहीं होंगे । फलस्वरूप वर्ष १५२८ में उसने मंदिर को ध्वस्त कर दिया और उसके खंडहरों पर बाबरी का निर्माण करा दिया ।
३. इतने विनाशकारी विध्वंस के उपरांत भी हिन्दुओं ने अपनी आस्था नहीं छोड़ी । तथा उन्होंने स्वेच्छा से अयोध्या की लौ को जलाए रखने के लिए स्वयं को माचिस के बक्से में रखी तीलियों की भांति बलिदान कर दिया ।
४. भगवान श्री राम, मंदिर और अयोध्या की महिमा को लाखों लोगों के दिलों में जलाए रखने के लिए न केवल सामान्य हिन्दुओं ने अपने जीवन का बलिदान दिया, बल्कि अनगिनत कवियों और लेखकों ने भी निरंतर लेखन और गायन के माध्यम से अपना जीवन समर्पित किया।
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लेखिका नीना राय का संक्षिप्त परिचय !
नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के उपरांत नीना राय ने कई वर्षों तक मध्य पूर्व में एक पत्रकार के रूप में काम किया । लगभग १० वर्ष उपरांत वह देश की सेवा के लिए भारत लौट आईं । उनका दिल्ली में व्यवसाय है और वह हिन्दू धर्म की विद्वान भी हैं ।