Kashmir terror attack : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के आक्रमण में एक डॉक्टर और छह मजदूर मारे गए।

  • यह आक्रमण उस समय हुआ जब सुरंग निर्माण कार्य चल रहा था। 

  • आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” ने आक्रमण की जिम्मेदारी ली है।

श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) – जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के गंगंगिर क्षेत्र में आतंकवादियों के आक्रमण में एक डॉक्टर और छह मजदूर मारे गए। कई अन्य लोग घायल हुए हैं। मजदूर एक सुरंग निर्माण परियोजना में सम्मिलित थे, जब आक्रमण हुआ। वे गंगंगिर से सोनमर्ग को जोड़ने वाली ज़-मोर्ह सुरंग पर काम करने वाली निर्माण टीम में सम्मिलित थे। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है और आतंकवादियों को पकड़ने के लिए खोजी अभियान आरंभ किया है। इस घटना पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं इस आक्रमण की कड़ी निंदा करता हूँ और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूँ।” (उमर अब्दुल्ला और क्या कह सकते हैं? क्या अब्दुल्ला परिवार ने कभी यह घोषणा की है कि वे हर जिहादी का सफाया कर कश्मीर को आतंक मुक्त करेंगे? क्या वे ऐसा करने की इच्छा भी रखते हैं? – संपादक) ताजा जानकारी के अनुसार, आतंकी संगठन “द रेजिस्टेंस फ्रंट” ने आक्रमण की जिम्मेदारी ली है।

यह घटना 20 अक्टूबर की रात लगभग 8:30 बजे हुई। एक चश्मदीद ने बताया कि जब मजदूर खाना बना रहे थे, आतंकवादियों ने उन पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी के कारण पास खड़ी दो गाड़ियां आग लगने से पूरी तरह जल गईं।

मृतकों और घायलों के नाम: मृतकों में मध्य प्रदेश के मैकेनिकल वर्कर अनिल शुल्ला, बिहार के फ़हीम नसीर, मोहम्मद हरीफ और कलीम, पंजाब के गुरमीत और जम्मू-कश्मीर के शशि अब्रोल और डॉक्टर शहनवाज़ शामिल हैं। घायलों में इंदर यादव, मोहन लाल, मुश्ताक अहमद लोन, इश्फ़ाक अहमद भट और जगतार सिंह हैं।

हम हमलावरों को नहीं बख्शेंगे! – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गंगंगिर में नागरिकों पर आतंकवादी हमला एक कायराना और घिनौना कृत्य है। इस घिनौने कृत्य में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, और हमारे सुरक्षा बल उन्हें कड़ा जवाब देंगे। (चाहे कितने भी आतंकवादी मारे जाएं, उनके स्थान पर अन्य हमेशा तैयार रहते हैं। यह पिछले 35 वर्षों से होता आ रहा है। यदि कश्मीर को आतंकवाद मुक्त करना है, तो पाकिस्तान को नष्ट करना जरूरी है, जो इन आतंकवादियों को पैदा कर रहा है। अन्यथा ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी, यह सच्चाई है! – संपादक) इस दुखद अवसर पर मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।

संपादकीय भूमिका

जम्मू-कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद यह आक्रमण हुआ है, जिससे यह संकेत मिलता है कि आतंकवादी यह दिखाना चाहते हैं कि वे कश्मीर में किसी भी लोकतांत्रिक प्रणाली को चलने नहीं देंगे। इस स्थिति को देखते हुए कश्मीर को पूरी तरह से सैन्य नियंत्रण में लेना और जिहादी आतंकवादियों और उनके स्थानीय समर्थकों को कठोर सबक सिखाना आवश्यक है।