चावल का आटा एवं भगवान को अर्पित बिल्वदल के पाउडर के मिश्रण से बनाएंगे प्रसाद ।
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) – यहां स्थित काशी विश्वनाथ धाम के परिसर में बनाया जानेवाला लड्डु का प्रसाद दशहरे से वितरित करने आरंभ किया गया है । यह प्रसाद धर्मशास्त्र सम्मत है तथा मंदिर परिसर में स्थित अधिकृत ‘काऊंटर’ पर से ही भक्त उसका क्रय कर सकेंगे । श्री तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का प्रकार उजागर होने के उपरांत काशी विश्वनाथ प्रबंध ने यह निर्णय लिया है ।
प्रबंध के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विश्वभूषण मिश्रा ने कहा, ‘काशी विश्वनाथ मंदिर के परिसर में बनाए गए लड्डु का प्रसाद भक्तों को देने का निर्णय लिया गया है । विजयादशमी को बाबा विश्वनाथ को प्रसाद अर्पित किया गया । शास्त्र एवं पुराणों का वाचन कर उसके अनुसार नया प्रसाद निश्चित किया गया है । इसके लिए शिवपुराण के साथ ही अन्य धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया गया है ।’
मिश्रा ने आगे कहा, ‘चावल के आटे का प्रसाद बनाना निश्चित किया गया है । इसका उल्लेख पुराण में पाया गया है । भगवान श्रीकृष्ण एवं सुदामा के संवाद में भी चावल का उल्लेख है । भगवान शंकर चावल के आटे का आस्वाद लेते थे ।’
इस प्रकार बनाया जाएगा लड्डु का प्रसाद !
१. लड्डु का प्रसाद बनाने का काम केवल हिन्दू कर्मचारियों को ही दिया जाएगा ।
२. कर्मचारियों को स्नान करना अनिवार्य होगा ।
३. बिल्वदल में शिवजी का तत्त्व बडी मात्रा में आकर्षित होता है । इसी कारण बाबा विश्वनाथ को अर्पित बिल्वदल एकत्रित कर उन्हें धोकर स्वच्छ कर वे सूखने पर उसकी पाउडर बनाकर उसे प्रसाद में मिलाया जाएगा ।
४. अमूल कंपनी को प्रसाद बनाने का दायित्व सौंपा गया है । राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन संस्थाओं द्वारा उसे मान्यता प्राप्त हुई है ।
५. मंदिर प्रबंध ने सामान्यतः १० माहों में इस नए प्रसाद की पाककृति अंतिम की ।
६. बिल्वदल के उपरांत प्रसाद के लड्डु काली मिर्च, लौंग, देसी घी एवं चावल का आटा डालकर बनाए जाएंगे । इसमें प्रयोग किए हुए चावल की ‘बनास डेयरी’ द्वारा खेती (कृषि) की जा रही है ।
प्रसाद के लड्डु का मूल्य
प्रसाद | मूल्य | लड्डु की संख्या |
१०० ग्राम | ५० रुपए | 4 |
२०० ग्राम | १०० रुपए | 8 |